सहारा न्यूज टुडे/दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एंवम प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि विज्ञान केंन्द्र दिलीप नगर एवं केंद्र द्वारा निकरा परियोजना के अंतर्गत कृषकों के खेतों पर जोनल मोनिटरिंग कमेटी निकरा द्वारा अवलोकन टीम के वैज्ञानिकों ने औरंगाबाद गांव में किसानों द्वारा कृषि में किये गए प्रदर्शनों का अवलोकन किया। इस दौरान टीम ने गांव औरंगाबाद में किसानों द्वारा गेहूं की फसल का निरीक्षण भी किया। टीम के चेयरमैन डॉ0 बी गंगवार पूर्व निदेशक भारतीय फसल प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम,मेरठ डॉक्टर मसूद अली पूर्व निदेशक भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर, प्रधान वैज्ञानिक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, अटारी डॉ0 एस के सिंह टीम में शामिल रहे। टीम के चेयरमैन डॉ0 बी गंगवार थे। टीम ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित कृषि कार्यों व केन्द्र द्वारा किये जा रहे कृषि कार्यों का अवलोकन किया। टीम ने गांव में प्रगतिशील किसानों व महिला किसानों से निकरा परियोजना के तहत कृषि तकनीकियों को अपनाकर तैयार की गई फसलों की सराहना की। केन्द्र द्वारा गांव में खेती के लिए दी गई मशीनों जैसे कल्टीवेटर , रिजमेकर, लेवलर,हैरो आदि मशीनों का निरीक्षण भी किया। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि निकरा परियोजना का मुख्य उद्देश्य कृषि को जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्रभाव से बचाना है। उन्होंने भूमि की उपजाऊ शक्ति कम व गिरते भूमि जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें संसाधन संरक्षण तकनीकों के साथ -साथ भूमि सुधार को भी अपनाना चाहिए। केन्द्र के प्रभारी डॉ0 ए. के. सिंह ने वैज्ञानिकों की टीम का स्वागत करते हुए, के वी के द्वारा निकरा परियोजना के तहत किये गए कार्यों की विस्तार से जनकारी दी। केन्द्र का कार्य किसानों की खेती की पैदावार को बढ़ाने के लिए कृषि तकनीकों का किसानों तक अभियान चलाकर पहुंचाया जा रहा है। ताकि किसान कृषि तकनीकों को अपनाकर अपनी पैदावार बढ़ा सके। महिला सशक्तिकरण के लिए निकरा परियोजना से बीज उपचार, पोषण वाटिका आदि भी स्थापित की गई हैं।इस अवसर पर डॉ0 अरुण कुमार सिंह, डॉ0 शशिकांत, डॉ0 खलील खान, डॉक्टर निमिषा अवस्थी, डॉक्टर मिथिलेश वर्मा, गौरव शुक्ला, शुभम यादव और औरंगाबाद के महिला, पुरुष कृषक उपस्थित रहे।