सहारा न्यूज टुडे/संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के प्रसार निदेशालय में कृषि में आने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु कृषि वैज्ञानिकों का दो दिवसीय दक्षता प्रशिक्षण का शुभारंभ विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉ0 पीके सिंह ने एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ0 पीके सिंह ने वैज्ञानिकों से कहा कि कृषकों को नवोन्मेषी तकनीके दें तथा सभी कृषि वैज्ञानिक शोध संस्थानों से समन्वय बनाकर कृषकों को कृषि विविधिकरण हेतु प्रेरित करें। डॉक्टर सिंह ने कहा कि मसाले व उद्यानकीकरण से किसान अपनी दोगुनी आए कर सकते हैं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि आईसीएआर अटारी कानपुर के डॉक्टर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि कृषि वैज्ञानिक अपने जनपदों में की आवश्यकता, परिस्थितियां तथा संसाधनों के आधार पर कृषि तकनीको को खेती में प्रयोग करें। इस अवसर पर आईसीएआर अटारी की वैज्ञानिक डॉ0 सीमा यादव ने बताया कि कृषि वैज्ञानिक किसानों को संतुलित इनपुट प्रयोग करने हेतु प्रेरित करें, जिससे कि टिकाऊ खेती हो। उन्होंने पशुधन की नई नस्ल व फसल प्रणाली में बदलाव पर जोर दिया। निदेशक प्रसार डॉक्टर आरके यादव ने सभी अतिथियों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि कृषि वैज्ञानिक शोध संस्थानों व किसानों के मध्य ब्रिज की तरीके से कार्य कर रहे हैं। सभी अतिथियों को धन्यवाद डॉक्टर पी के राठी ने दिया। जबकि कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर वी के कन्नौजिया ने किया। उद्घाटन सत्र के पश्चात तकनीकी सत्र प्रारंभ हुआ।जिसमें डॉक्टर राघवेंद्र सिंह, डॉक्टर सीमा यादव, डॉक्टर अखिलेश मिश्रा एवं डॉक्टर वी के त्रिपाठी ने नवीनतम तकनीकों के बारे में वैज्ञानिकों को बताया। इस अवसर पर डाॅ0 वी के वर्मा, डाॅ0 करम हुसैन, डॉक्टर एसएल वर्मा सहित सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक उपस्थित रहे।