
सहारा न्यूज टुडे/संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के स्कूल ऑफ़ लाइफ साइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी के अंतर्गत संचालित पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी विषय के अंतिम वर्ष के छात्रों का चयन इंटर्नशिप में देश के प्रतिष्ठित विभिन्न संस्थानों में हुआ है। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने विभाग के सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षक, शिक्षिकाओं को बधाई देते हुए छात्र-छात्राओं एवं विश्वविद्यालय के हित में कार्य करने के दिशा निर्देश दिए हैं। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी जी ने बताया की माननीय कुलपति महोदय के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय स्वयं ही पर्यावरण संरक्षण का एक जीता जागता उदाहरण बना हुआ है। पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय में विभिन्न कदम उठाए गए हैं जैसे सोलर पैनल की स्थापना करके विश्वविद्यालय में ऊर्जा संरक्षण पर कार्य किया गया है। जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन स्टेशन बनाए गए हैं। अपशिष्ट जल प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भी विश्वविद्यालय में बड़ी तत्परता के साथ विभिन्न कार्य किया जा रहे हैं। अल्टरनेटिव एनर्जी रिसोर्स मैनेजमेंट के लिए सोलर लाइट्स का प्रयोग किया जा रहा है। वर्षा जल संचयन तथा भूजल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर (कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड) विश्वविद्यालय परिसर में पर्यावरण जागरूकता का के प्रयास का एक उत्तम उदाहरण है। पर्यावरण जागरूकता के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन तथा विभिन्न विभागों तथा विभिन्न इकाइयां जैसे एनएसएस एनसीसी समय-समय पर समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही है।
स्कूल ऑफ लाइफ साइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी की निदेशक प्रोफेसर वर्षा गुप्ता के अथक प्रयास से यह संभव हो पाया है। छात्रों का उत्साह वर्धन करते हुए और अत्यंत हर्ष के साथ यह भी कहा है कि पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी विषय केवल विश्वविद्यालय में ही पढ़ाया जाता है तथा आज के परिवेश में इस विषय को पढ़ने की अत्यंत आवश्यकता है। विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान विषय में शोध कार्य किए जा रहे हैं जिससे आने वाले भविष्य में बदलते परिवेश एवं पर्यावरण में यह विषय सभी बहुत सहायक सिद्ध होंगे। पर्यावरण विज्ञान केवल एक विषय नहीं है बल्कि दैनिक जीवन जीने की एक कला है। सह निदेशक डॉ0 आलोक पांडे ने बताया कि यह सभी छात्र और छात्राएं देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में जाकर के पर्यावरण संरक्षण एवं प्रबंधन के बारे में विभिन्न तकनीकियों को सीख कर देश की सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेंगे। आने वाले समय में यह पर्यावरणविद् बनकर देश तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। छात्र-छात्राओं को बहुत-बहुत बधाई दी है तथा मेहनत और लगन से काम करने की सलाह दी है। विभिन्न छात्रों की चयन से विभाग के सभी छात्रों का मनोबल बहुत बढ़ गया है तथा निकट भविष्य में और अधिक छात्र उत्सुकता जागृत कर रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के छोटे-छोटे प्रयासों से तथा इनोवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देकर समाज में नई जागरूकता लाने का विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा है। जिससे प्रदूषण मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है तथा उत्तम जीवनशैली से जीवन वर्ष को बढ़ाया जा सकता है। कोऑर्डिनेटर डॉ0 द्रौपदी यादव ने यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी दो छात्रों ( संजय गोगोई एवं अमित) का चयन पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय, भारत सरकार दिल्ली में हुआ है, यह छात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स) धनबाद में सशुल्क इंटर्नशिप करेंगे जिसमें इनको 10,000 रुपए प्रति महीने प्रदान किया जाएगा/ तथा छह छात्र एवं छात्राओं (अनुराग, वर्षा, श्रद्धा, आकांक्षा, देवेंद्र एवं हिमांशी) का चयन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली, ओमकार का चयन राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान नागपुर, भावना का चयन राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला दिल्ली, दिशा का चयन राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रुड़की उत्तराखंड, प्रियंका का चयन पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, इत्यादि में हुआ है। छात्रों के उत्साह वर्धन के मौके पर विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट अधिकारी डॉ0 प्रभात द्विवेदी, डॉ0 राजीव मिश्रा, प्रो0 नंदलाल, डॉ0 अखिलेषेंद्र भारती तथा समस्त शिक्षक एवं एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।