सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में आदरणीय कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से सतत् प्रबन्धक प्रथाओं पर दिनांक 05.04.2024 एवं 06.04.2024 को विभाग स्कूल ऑफ बिजिनेस मैनेजमेंट में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश विदेश से लगभग 200 प्रतिष्ठित विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया, इसमें मुख्य रूप से प्रो0 राज अनिहोत्री आईओवा स्टेट यूनिवर्सिटी यू0एस0ए0, प्रो0 लेला गैमिडूलैवा पेन्जा स्टेट यूनिवर्सिटी, रसिया, प्रो0 रामेन्द्र सिंह आई0आई0एम0 एवं चाइना से प्रो0 फुली जूहू, हेनन विश्वविद्यालय, चाइना द्वारा ऑनलाईन प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो0 विनय शर्मा, आई0आई0टी0, रूड़की, प्रो0 एस0के0 दुबे, बी0एच0यू0, प्रो0 आशीष द्विवेदी, ओपेन जिंदल विश्वविद्यालय रहे। इस सम्मेलन का उद्देश्य विश्व जगत की सबसे बड़ी समस्या सतत् प्रबन्धन पर समाज एवं शोधार्थियों का ध्यान केन्द्रित करना रहा। इस सम्मेलन में 100 से अधिक शोधार्थियों ने अपने शोध प्रस्तुत करेंगे। इसमें प्रमुख रूप से बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, एम0ए0टी0 यूनिवर्सिटी लखनऊ, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, श्री देव सुमन, उत्तराखंड विश्वविद्यालय आदि से शोधार्थियों ने अपना शोध प्रस्तुत करेंगे। ये सभी शोधार्थी विभिन्न संकायों से जुडे हुये हैं। इस अवसर पर प्रो0 विनय शर्मा ने भी अपने कथन में शोधकर्ताओं से इस जटिल समस्या की ओर ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि किस तरह यह समस्या आज एक विकराल स्वरूप ले चुकी है। प्रो0 विनय शर्मा ने अपने वकत्व्य में उदाहरण देते हुये बताया कि आज हम मा गंगा को इतना प्रदूषित कर चुके हैं, जिस वहज से माँ गंगा भी इस प्रदूषण को समाहित नहीं कर पा रही है। आज अगर इसका निवारण जल्द नहीं हुआ तो इसके परिणाम निकट पीडी को भुगतने पड़ेगे। प्रो0 सुजीत कुमार दुबे ने भी अपने कथन में बताया कि किस तरह भारतीय समाज में पुरात्न काल से भारतीय मूल्य सतत् प्रबन्धन पर ही निर्भर रहा है पर आज के इस युग में हम अपने पुरानी धारणाओं एवं प्रकृति से बिछड़ गये है, जिसके फलस्वरूप हमारे देश में आज से समस्या इतना विकराल रूप ले चुकी है। आज के समय की मॉग है कि हम अपने पुराने मूल्यों एवं सस्कृति से जुड़े और सतत् प्रबन्धन द्वारा स्वाभिलम्बन प्राप्त करें। इस अवसर पर प्रो0 आशीष द्विवेदी ओ0 पी0 जिंदल विश्वविद्यालय ने अपने वाक्तव्य में दुनिया के सामने आने वाली विभिन्न समाजिक आर्थिक एवं पर्यावरण की चुनौतियों का समाधान करने में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 17 वैष्विक उद्देश्यों का निर्धारण करने का सुझाव दिया। इस सम्मेलन में आयोवा स्टेट विश्वविद्यालय के प्रो0 राज अग्निहोत्री ने सतत् विकास प्रबन्धन पर प्रकाश डाला। पेन्जा विश्वविद्यालय, रसिया की प्रो0 लायला ने भारत और रूस के साथ मिलकर सतत् विकास पर कार्य करने का सुझाव दिया। स्कूल ऑफ बिजिनेस मैनेजमेंट के डीन प्रो0 सुधांशु पाण्डिया ने सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि सम्मेलन विभाग में शिक्षकों एवं छात्र/छात्राओं से सर्वागिण विकास में मदद मिलती है। स्कूल ऑफ बिजिनेस मैनेजमेंट की निदेशिका, प्रो0 अंशू यादव ने आये हुये समस्त अतिथियों का स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन सम्मेलन के संयोजक डॉ0 प्रभात द्विवेदी द्वारा दिया गया। कार्यक्रम संचालन डॉ0 अर्पणा कटियार एवं सुश्री गौरी सिंह भदौरिया द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में प्रति कुलपति, प्रो0 सुधीर अवस्थी, डीन प्रशासन, प्रो0 सुधांशू पाण्डिया, निदेशक, एस0बी0एम0, प्रो0 अंशू यादव, डॉ0 प्रभात द्विवेदी, डॉ0 मयंक जिंदल, राहुल अग्रवाल, डॉ0 चारू खान, डॉ0 विवेक सिंह सचान, डॉ0 सुधांशु राय एवं अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे।