सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर एवं छत्रपति शाहूजी महाराज इनोवेशन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में “इनोवेशन एंड एंटरप्रेनरशिप कॉन्क्लेव 2024” का आयोजन किया गया आज के कॉन्क्लेव में माननीय कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक ने अपने संबोधन में महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्रबंधक एवं नवाचार अधिकारियों को नवाचार के क्षेत्र में किस प्रकार आगे बढ़ा जा सकता है, विश्वविद्यालय का नवाचार केंद्र किस प्रकार उनको आगे बढ़ने में मदद कर सकता है। महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय मिलकर स्टार्ट अप को किस प्रकार समृद्ध बना सकते हैं जिसके माध्यम से देश की बेरोजगारी की समस्या समाप्त हो सकती है। महाविद्यालय विकास परिषद के प्रमुख प्रो0 आर के द्विवेदी ने अपने संबोधन में बताया कि महाविद्यालयों का विकास तभी संभव है जब महाविद्यालयों में नवाचार एवं उद्यमिता की सुविधा विकसित होगी तथा इन सुविधाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को भविष्य निर्माण हेतु साधन उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
माननीय प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर अवस्थी जी ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालय के सापेक्ष में किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और कहा कि विश्वविद्यालय महाविद्यालयों के सहयोग में हर तरह की मदद के लिए तैयार है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विवेक मिश्र जी ने अपने संबोधन में बताया कि छत्रपति शाहूजी महाराज इनोवेशन फाउंडेशन किस प्रकार महाविद्यालयों को स्टार्ट अप इको सिस्टम विकसित करने में सहयोग प्रदान करेगा तथा विद्यार्थियों के नवीन आइडिया विकसित करने में मदद करेगा। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ0 सुधांशु राय असिस्टेंट प्रोफ़ेसर स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर डीन इनोवेशन डॉ0 शिल्पा कायस्था द्वारा कार्यक्रम में प्रति भाग हेतु सभी को धन्यवाद प्रस्तुत किया गया। आज के कार्यक्रम में नवाचार अधिकारी अनिल कुमार त्रिपाठी द्वारा समस्त प्रकार की प्रक्रियाओं को संचालित करने में सहयोग प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में कानपुर नगर, कानपुर देहात एवं उन्नाव जनपद के 100 से अधिक महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं नवाचार अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। सायंकालीन सत्र में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध शेष जनपदों अर्थात इटावा, कन्नौज तथा फर्रुखाबाद के प्राचार्य, प्रबंधन के सदस्य एवं नवाचार अधिकारियों ने प्रतिभाग किया जिसमें लगभग 50 की उपस्थिति रही। महाविद्यालयों के पक्ष से भी अनेकों उपयोगी सुझाव प्राप्त हुए।