सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्र, राजकीय बाल गृह, कानपुर और आरोग्य क्लीनिक, लाल बंगले में स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें 100 बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले इन बच्चों का निःशुल्क रूप से स्वर्णप्राशन कराया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डाॅ0 वंदना पाठक, संस्थान के निदेशक डाॅ0 दिग्विजय शर्मा, डाॅ0 राम किशोर, श्री हरीश चन्द्र शर्मा, सुश्री आकांक्षा बाजपेई आदि ने दीप प्रज्वलन व धन्वन्तरि पूजन के साथ किया।
वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डाॅ0 वंदना पाठक ने इस अवसर पर उपस्थित अभिभावकों और लोगों को ग्रीष्म ऋतु के अनुसार आहार-विहार और बच्चों में कुपोषण जनित रोगों पर विशेष रूप से ध्यान देने का परामर्श दिया। उन्होंने स्वर्णप्राशन संस्कार के बारे में बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की यह विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है। संस्कार की महत्ता बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रचलित 16 संस्कारों में से एक संस्कार है। यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में विशेष योगदान करता है। जिन बच्चों यह संस्कार नियमित रूप होता है, उनमें मौसम और वातावरणीय प्रभाव के कारण होने वाली समस्याएं अन्य बच्चों क अपेक्षा कम देखी गयी हैं। स्वर्णप्राशन में प्रयुक्त होने वाली औषधि स्वर्ण भस्म, वच, गिलोय, ब्राह्मी, गौघृत, मधु आदि द्रव्यों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है। उन्होंने कहा बच्चों को नियंत्रित करने के लिए डांटना, पीटना आदि भी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। अतः बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। उन्होंने बच्चों को मौसम के अनुसार फल और सब्जियों के सेवन पर विशेष बल दिया।