सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
शहर में तीन स्थानों पर 100 से ज्यादा बच्चों का हुआ स्वर्ण प्राशन
सीएसजेएमयू स्वास्थ्य केंद्र पर आयुर्वेदाचार्य डॉ0 वंदना पाठक ने किया शुभारंभ
कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेस अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्र, राजकीय बाल गृह कानपुर और आरोग्य क्लीनिक लाल बंगला, तीनों स्थानों पर सोमवार को 100 से ज्यादा बच्चों का निःशुल्क स्वर्ण प्राशन कराया गया।
सीएसजेएमयू स्वास्थ्य केंद्र पर वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डाॅ0 वंदना पाठक, डॉ0 निरंकार गोयल, स्कूल के निदेशक डॉ0 दिग्विजय शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन व भगवान धन्वंतरि के पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डाॅ0 वंदना पाठक ने कहा कि वर्षा ऋतु के अनुसार आहार-विहार और बच्चों को कृमि रोग से बचाव के लिये अभिभावकों को विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने स्वर्णप्राशन संस्कार के बारे में बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की यह विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है। डॉ0 पाठक ने कहा कि संस्कार की महत्ता बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रचलित 16 संस्कारों में से एक संस्कार है। यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में विशेष योगदान करता है। जिन बच्चों यह संस्कार नियमित रूप से होता है, उनमें मौसम और वातावरणीय प्रभाव के कारण होने वाली समस्याएं अन्य बच्चों की अपेक्षा कम होती हैं।
उन्होंने कहा बच्चों को नियंत्रित करने के लिए डांटना, पीटना आदि भी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। अतः बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। उन्होंने बच्चों को मौसम के अनुसार फल और सब्जियों के सेवन के साथ-साथ स्वच्छता पर विशेष बल दिया।
कार्यक्रम में संस्थान के सह निदेशक डाॅ0 मुनीश रस्तोगी, श्री हरीश चन्द्र शर्मा, सुश्री आकांक्षा बाजपेई, श्री संतोष कुमार यादव, बच्चों के अभिवावक भी उपस्थित रहे।
स्वर्ण प्राशन में प्रयुक्त होने वाली औषधि
स्वर्ण प्राशन में प्रयोग किये जाने वाले मिश्रण में स्वर्ण भस्म, वच, गिलोय, ब्राह्मी, गौघृत, मधु आदि द्रव्यों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है।