सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर देहात। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर पर आज मा0 प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम का किसानों को सजीव प्रसारण दिखाया गया। इस अवसर पर केंद्र के प्रभारी डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के लिए जलवायु अनुकूल विकसित किए गए विभिन्न फसलों के 109 बीजों की किस्मों को मा0 प्रधानमंत्री जी ने जारी किया। उन्होंने बताया कि अनाज की 23 किस्में, चावल की नौ, गेहूं की दो, जौ की एक, मक्का की छह, ज्वार की एक, बाजरा की एक, रागी की एक, चीना की एक, सांबा की एक, अरहर की दो, चना की दो, मसूर की तीन, मटर की एक, मूंग की दो, तिलहन की सात, चारा और गन्ना की सात-सात, कपास की पांच, जूट की एक और बागवानी की 40 किस्में शामिल हैं। देश के वैज्ञानिकों ने शोध कर धान की ऐसी किस्म खोजी है, जो अधिक उत्पादन देती है और इसे 20 प्रतिशत कम पानी की जरूरत होती है। कीटों का प्रकोप कम करने के लिए भी प्रयास किए गए हैं। इसी उपलक्ष्य में कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर कानपुर देहात द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बताया की मिलेट किसानों की कमाई से लेकर सेहत बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मोटे अनाज यानी कि श्री अन्न में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो किसी अन्य अनाज में नहीं होते इसकी खेती भी आसानी से की जा सकती है यहां तक कि सूखा क्षेत्र भी इसकी खेती के लिए उपयुक्त है। इसी उपलक्ष्य में धान में खरपतवार के प्रबंधन हेतु बेस्पाइरिबैक सोडियम दवा का वितरण भी किया अनुसूचित व अन्य को मिला कर 50 लोगों को वितरित किया गया। सोडियम बिस्पायरीबैक का कार्बनिक सोडियम लवण है। इसका उपयोग चावल की फसलों में घास, सेज और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए एक व्यापक स्पेक्ट्रम पोस्ट-इमर्जेंट शाकनाशी के रूप में किया जाता है। कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ0 राजेश राय, डॉ0 अरुण सिंह, डॉ0 खलील खान, डॉ0 शशिकांत, डॉ0 निमिषा अवस्थी, शोध सहायक शुभम यादव व गौरव शुक्ला के अतिरिक्त सहतावन पुरवा, प्रतापपुर, ज्योंति व फंदा इत्यादि के 70 से अधिक कृषकों ने प्रतिभाग किया।