सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉक्टर आनन्द कुमार सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के मुख्य भवन से कंपनी बाग के अंबेडकर चौराहा तक 2 किलोमीटर से भी अधिक लंबी ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस तिरंगा यात्रा में हर हाथ में तिरंगा मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा तथा विश्व विद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनन्द कुमार सिंह एवं उनकी धर्म पत्नी श्रीमती सुनीता सिंह ने स्वयं 2 किलोमीटर पैदल चलकर ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया। इस अवसर पर कुलपति ने कहा की इन आयोजनों का उद्देश्य आजादी के महत्व और आजादी हासिल करने के लिए किए गए बलिदानों से सभी को अवगत कराना है उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज हमेशा ही हमें अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने के प्रति प्रेरित करता है और हमारे दिलों में नए उत्साह का संचार करता है। उन्होने अपने संबोधन में कहा कि अगर हम सब मिलकर संयुक्त रूप से काम करें तो अपने इस विश्वविद्यालय को कितनी भी ऊंचाई तक पहुंचा सकते हैं हमें न केवल स्वयं के घरों की छतों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाना है बल्कि दूसरों को भी इसके प्रति प्रेरित करना है। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ0 खलील खान ने बताया कि इस अवसर पर कुलपति ने आजादी के लिए अपने प्राण निछावर करने वाले वीर सपूतों को नमन करते हुए देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए तत्पर रहने की प्रतिज्ञा भी की। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ0 मुनीश कुमार ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।उन्होंने बताया है कि एनसीसी, एनएसएस के छात्र छात्राओं, शोधार्थियों, शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कुलपति ने हर घर तिरंगा अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया है। तिरंगा यात्रा अमर शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उपरांत संपन्न हुई। तिरंगा यात्रा के प्रारंभ होने पर कुलपति द्वारा 400 से अधिक तिरंगा वितरित किए गए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉक्टर सी एल मौर्य,निदेशक शोध डॉक्टर पी के सिंह, निदेशक प्रसार डॉक्टर आर के यादव,डॉक्टर सर्वेश कुमार, डॉक्टर कौशल कुमार , डॉक्टर करम हुसैन, कुलपति के तकनीकी सचिव श्री ओम प्रकाश तथा सभी विभाग अध्यक्ष, प्रोफेसर सहित लगभग 500 से अधिक छात्र-छात्राएं, शोधार्थी, एनएसएस एवं एनसीसी के स्वयंसेवक तथा संकाय सदस्य एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।