सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। वियतनाम के हो शि मिन शहर में नमस्ते वियतनाम 2024 नामक दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 25 और 26 अगस्त में किया जा रहा है जिसका उद्देश्य भारत और वियतनाम के बीच में शैक्षिक एवं सांस्कृतिक भागीदारी को बढ़ाना है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय विश्वविद्यालय संघ तथा वियतनाम के विश्वविद्यालयों ने मिलकर किया। भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष होने के नाते कार्यक्रम का उद्घाटन प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के अध्यक्षीय भाषण से हुआ। प्रोफेसर पाठक ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षण संस्थान शिक्षण, शोध एवं नवाचार में नित्य नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं और वे वियतनाम की संस्थाओं एवं विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग एवं साझेदारी के लिए तैयार हैं। वियतनाम के छात्र-छात्राएं भी भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से उत्तम एवं वहनीय शिक्षा प्राप्त करने आ सकते हैं। प्रोफेसर पाठक ने आगे कहा कि भारतीय विश्वविद्यालय संघ विश्व का सबसे बड़ा एवं प्राचीनतम संघों में से एक है जिससे 1100 से ज्यादा भारतीय विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षण संस्थान जुड़े हुए हैं। भारत में उच्च शिक्षा का मानक आज एनएएसी ग्रेडिंग को माना जाता है जिसकी उच्चतम ग्रेडिंग ए ++ है। नमस्ते वियतनाम कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक के अतिरिक्त डीन अंतरराष्ट्रीय संबंध प्रोफेसर सुधांशु पांड्या, एसोसिएट डीन डॉ0 प्रभात द्विवेदी तथा कुल सचिव डॉ0 अनिल यादव मौजूद है। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की तरफ से बोलते हुए प्रोफेसर सुधांशु पांड्या ने कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर अपनी उच्च शिक्षा शोध एवं नमक नवाचार की गुणवत्ता के कारण नए सर्वश्रेष्ठ ग्रेडिंग ए ++ प्राप्त उत्तर प्रदेश सरकार का विश्वविद्यालय है। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की गवर्नर एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के नए स्तर एवं आयाम छू रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय छात्र-छात्राओं के लिए नए एकेडमिक डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहे हैं। छात्र-छात्राओं का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर उनके लिए एक बहुत ही उपयुक्त उच्च शिक्षण संस्थान है जहां से वह अपनी स्नातक, स्नातकोत्तर अथवा पीएचडी डिग्री प्राप्त कर विश्व स्तरीय ह्यूमन रिसोर्स के रूप में स्वयं को विकसित कर सकते हैं।
कार्यक्रम के प्रथम दिन के उद्घाटन पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव प्रोफेसर पंकज मित्तल सहित कई पदाधिकारी तथा लगभग 25 भारतीय विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों तथा वियतनाम के अनेकों विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
भारतीय ज्ञान परम्परा संपूर्ण विश्व का दर्शन: प्रो0 पाठक
कार्यक्रम में कुलपति प्रो0 पाठक ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा पूरे विश्व के लिए दर्शन है। हमारे विश्वविद्यालयों में तकनीक के साथ साथ भारतीय ज्ञान का अध्ययन भी छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नई राह प्रशस्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीयता का विचार पूरे विश्व को कुटुंब की तरह स्वीकार करता है।