सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में आज यूनाइटेड सोरघम अंतरराष्ट्रीय एनजीओ (यू एस ए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर नाटे ब्लूम एवं डॉ0 बामदेव त्रिपाठी रीजनल डायरेक्टर एशिया पेसिफिक मिडल ईस्ट एवं नॉर्थ अफ्रीका के साथ ही हिल इंडिया लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी,कानपुर मंडल के विभिन्न एफपीओ/एनजीओ एवं विश्वविद्यालय के निदेशकों के साथ ज्वार उत्पादन एवं गुणवत्ता तथा मूल्य संवर्धन हेतु गहन चर्चा की। बैठक में चर्चा हुई बैठक में चर्चा हुई। ज्वार की उत्कृष्ट गुणवत्ता बनाकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजा जाएं। जिससे कृष्ण की आय में वृद्धि की जा सके। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने बैठक में पधारे सभी एफपीओ प्रतिनिधियों से ज्वार उत्पादन बढ़ाने की अपील की एवं डॉक्टर ब्लूम द्वारा दिए गए व्याख्यान का हिंदी रूपांतरण किया।
बदलते मौसम एवं परिस्थितियों में ज्वार की उपयोग को बढ़ाने मानव के स्वास्थ्य के साथ-साथ जलवायु, मृदा एवं पर्यावरण अनुकूलन हेतु ज्वार की गुणवत्ता पर विस्तार से चर्चा की गई। वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को ज्वार उत्पादन में आ रही समस्याओं का निस्तारण भी किया गया। इस अवसर पर यह भी चर्चा की गई की सभी संगठन आपस में मिलकर एक दूसरे के सहयोगी बने जिससे उनके उत्पाद को एक नई दिशा मिल सके। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशकबीज एवं प्रक्षेत्र डॉ0 विजय यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय में शीघ्र मिलेट्स के प्रसंकरण पर कार्य प्रारंभ किया जाएगा जिससे यहां कोई भी एफपीओ अपने उत्पाद का एक निर्धारित दर पर प्रसंस्करण करा सकता है। निदेशक शोध डॉ0 पी0 के0 सिंह ने सभी लोगों का स्वागत करते हुए ज्वार उत्पादन के साथी विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न फसलों की प्रजातियां एवं तकनीकियों आदि के बारे में जानकारी दी। जबकि निदेशक प्रसार डॉक्टर आर0 के0 यादव द्वारा फतेहपुर, कानपुर देहात ,कानपुर नगर के एफपीओ के साथ समन्वय बनाकर फतेहपुर के किसानों का वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा संवाद कराया गया। साथ ही संगठन द्वारा इसकी आवश्यकता के अनुरूप विश्वविद्यालय के कार्य क्षेत्र में संचालित 15 कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा ज्वार उत्पादन के प्रोत्साहन हेतु तकनीकी ज्ञान, कृषक प्रशिक्षण आदि की बात कही। बैठक के बाद सभी प्रतिभागियों ने ज्वार फसल का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों सहित एवं गैर जनपदों से आयें हुए प्रगतिशील किसानों ने भी सहभागिता की।