सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
रिसर्च में जर्मनी के विश्वविद्यालयों के साथ किए जाएंगे एमओयू। प्रो0 विनय कुमार पाठक
अनुसंधान, नवाचार एवं एजुकेशनल एक्सिलेंस में साथ कार्य करेंगे
ग्लोबल मैप पर भारतीय विश्वविद्यालयों को लाने की तैयारी, बढ़ेगा इंटरनेशनल स्टूडेंट का रुझान
कानपुर। भारत और जर्मनी के विश्वविद्यालय अनुसंधान के क्षेत्र में साथ मिलकर कार्य करेंगे। भारतीय विश्वविद्यालयों में जर्मनी के शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कार्य करने की संस्कृति विकसित की जाएगी। साथ ही बेहतरीन संस्थानों के साथ एमओयू भी साइन किए जाएंगे। जिससे दोनों देशों के विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत स्टूडेंट्स ग्लोबल लेवल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकें। यह कहना है भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक का सात दिवसीय दौरे पर जर्मनी गए हुए हैं। प्रो0 पाठक भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) और डीएएडी (जर्मन शैक्षणिक विनिमय सेवा) के साझा प्रयासों से किए जा रहे इस आयोजन में शिरकत करने जर्मनी पहुंचे हुए हैं। डीएएडी की तरफ से किए जा रहे इस आयोजन के तहत प्रो0 पाठक संग भारतीय प्रतिनिधिमंडल यूनिवर्सिटी ऑफ बॉन, यूनिवर्सिटी ऑफ बर्लिन समेत जर्मनी की विश्व स्तरीय यूनिवर्सिटीज का दौरा करेंगे। प्रो0 पाठक ने बताया कि जर्मनी के विश्वविद्यालयों में जो नवाचार और अनुसंधान पर नवीनतम कार्य किए जा रहे हैं उस प्रकार का माहौल भारतीय विश्वविद्यालयों में भी स्थापित किए जाने की पूरी संभावना है। ग्लोबल लेवल पर जो संस्थान अपने रिसर्च से नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं, हमें भी उसी प्रकार की कार्य संस्कृति विकसित करनी होगी। भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा के साथ-साथ हमारे विश्वविद्यलयों के नए प्रकल्प जर्मनी के विश्वविद्यलयों में भी दिलचस्पी पैदा कर रहे हैं। इसलिए भविष्य में इस दिशा में दोनों देशों के विश्वविद्यालय साथ मिलकर कार्य करने के लिए एमओयू भी साइन करेंगे।
इनोवेशन और रिसर्च एक्सिलेंस का बनेगा केंद्र
सीएसजेएमयू समेत भारतीय यूनिवर्सिटीज में इनोवेशन और रिसर्च एक्सिलेंस की विश्वस्तरीय अनुसंधान कार्य प्रणाली विकसित करने पर बल दिया जाएगा। इसके लिए जर्मनी के टॉप संस्थानों के साथ ऐसे विषयों में अनुसंधान की कार्य योजना बनायी जाएगी जो दोनों देशों के छात्रों और शोधकर्ताओं को बेहतर अवसर मुहैया कराएंगे। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक संग, एआईसीटीई, डीएसटी, सीएसआईआर, आईसीएमआर, आईसीएआर के पदाधिकारी भी शामिल हुए हैं।