सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में विगत 30 वर्षों तक शस्य विज्ञान विभाग में कार्यरत डॉक्टर ए0 के0 त्रिपाठी जो वर्तमान में कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं ने दोनों कृषि विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। कृषि विश्वविद्यालय बांदा के कुलपति, प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में डाॅ0 त्रिपाठी ने कृषि के क्षेत्र में प्रतिष्ठित ‘‘गन्ना एवं एकीकृत प्रौद्योगिकी में पेशेवरों का अन्तर्राष्ट्रीय संघ’’ जिसका मुख्यालय चीन में स्थित है, द्वारा ‘‘एक लचीले और टिकाऊ वैश्विक चीनी एवं बायो-एनर्जी उद्योग का निर्माण’’ विषयक पर 4 दिवसीय 8वीं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग किया, जिसका आयोजन दिनांक 16-19 सितम्बर 2024 को वियतनाम के शहर कुई न्योन में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 200 से अधिक वैज्ञानिकों एवं चीनी उद्योग से जुड़े पेशेवरों ने प्रतिभाग किया। जिसमें वैज्ञानिक, शिक्षक/प्राध्यापक व शोधार्थी संस्थानों के प्रमुखों ने प्रतिभाग किया।
इस गन्ना आधारित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बांदा कृषि विष्वविद्यालय बांदा के सस्य विज्ञान विषय के सह-प्राध्यापक व कन्दन अनुसंधान केन्द्र गुरसरॉय, झांसी के प्रभारी, डाॅ0 ए0 के0 त्रिपाठी को व्याख्यान हेतु आंमत्रित किया गया था तथा डाॅ0 त्रिपाठी द्वारा ‘‘गन्ने के साथ सह-फसली खेती के द्वारा आधिक लाभ’’ विषय पर व्याख्यान दिया गया। डाॅ0 त्रिपाठी को उनके सस्य विज्ञान विषय के 35 वर्षो में किये गये कार्यो तथा कृषि विश्वविद्यालय कानपुर में रहते गन्ना फसलोत्पादन क्षेत्र में प्रसार/प्रचार हेतु किये गये उत्कृष्ट कार्यो एवं उपलब्धियों का मूल्यांकन करते हुए डाॅ0 त्रिपाठी को गन्ना एवं एकीकृत प्रौद्योगिकी में पेशेवरों का अन्तर्राष्ट्रीय संघ, चीन समिति द्वारा दिनांक 16 सितम्बर 2024 को वियतनाम के शहर कुई न्योन में प्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय फेलो अवार्ड से सम्मानित किया गया। सस्य विज्ञान विषय में डाॅ0 त्रिपाठी के योगदान को सराहते हुुए वर्ष 2018 में इन्हें महामहिम राष्ष्ट्रपति, भारत सरकार के कर कमलों द्वारा भी सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त डाॅ0 त्रिपाठी को विभिन्न समितियों एवं संस्थाओं द्वारा कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों एवं सम्मान पत्रों से सम्मानित किया जा चुका है।