
सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कैलाश भवन प्रेक्षागृह में आज तीन दिवसीय (18 से 20 अक्टूबर 2024 ) “मृदा, जल एवं ऊर्जा प्रबंधन द्वारा सतत कृषि एवं आजीविका सुरक्षा” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन हुआ। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन प्रदेश के माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना जी एवं अन्य अतिथियों द्वारा विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना जी ने तीन दिवसीय संगोष्ठी की सफलता हेतु सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रांतो से आए कृषि वैज्ञानिक मृदा, जल की समस्याओं और उनके निराकरण पर चर्चा करेंगे। जिससे खेती बाड़ी और नए आयाम हासिल करेगी। उन्होंने उपस्थित शोध छात्रों से आवाहन किया कि वे अपनी सुविधा अनुसार गांव में कृषकों के साथ कृषि तकनीकी पर चर्चा करें, तो निश्चित तौर पर कृषक छात्रों की भावनाओं को समझेंगे, उन्होंने शोध छात्रों से कहा की नई तकनीक से अद्यतन रहे क्योंकि रोज प्रतिदिन नए-नए नवाचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषकों के मध्य कृषि नवाचारों के जागरूकता का परिणाम है कि कृषकों की आय में वृद्धि हुई है।
कुलपति टाटा आनंद कुमार सिंह ने कहा कि देश में आईसीएआर के 100 से अधिक संस्थानों, 77 कृषि विश्वविद्यालयों तथा 731 कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से कृषकों को नावों में ऐसी तकनीकी से ओतप्रोत किया जा रहा है। जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कृषि विविधीकरण, सरकारी नीतियों की जानकारी तथा नई सिंचाई पद्धतियों के अपनाने तथा मृदा क्षरण रोकने जैसे उपायों पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि करनाल संस्थान के निदेशक डॉ0 आरके यादव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले वैज्ञानिकों एवं कृषकों को सम्मानित भी किया गया। एससीएसआई के अध्यक्ष डॉक्टर टीवीएस राजपूत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा समिति की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम आयोजक डॉक्टर मुनीश कुमार ने तीन दिवसीय संगोष्ठी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर वैज्ञानिकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। अंत में सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर कौशल कुमार द्वारा दिया गया। जबकि कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर विनीता सिंह द्वारा किया गया।इस अवसर पर डॉ0 एस एस ग्रेवाल पूर्व निदेशक पी ए यू लुधियाना, डॉक्टर नीलम पटेल नीति आयोग सहित देश के विभिन्न प्रांतो के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक, छात्र एवं किसान उपस्थित रहे।