सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक के नेतृत्व में देश भर के शिक्षाविद करेंगे शिरकत
एआईयू के बैनर तले होगा उत्तर क्षेत्र कुलपति सम्मेलन 2024-25 का आयोजन, कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक करेंगे नेतृत्व
उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल समेत सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी होंगे शामिल
5-6 नवंबर, 2024 के मध्य ग्राफिक ईरा यूनिवर्सिटी में होगा आयोजन
कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति एवं भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो0 विनय कुमार पाठक के नेतृत्व में अखिल भारतीय स्तर का शिक्षा सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है। उत्तराखंड की ग्राफिक ईरा यूनिवर्सिटी में होने वाले इस आयोजन में देश भर से शिक्षाविद शामिल होंगे। 5-6 नवंबर के बीच उत्तर क्षेत्र कुलपति सम्मेलन 2024-25 का आयोजन कर रहा है। इस सम्मेलन का मुख्य विषय “उच्च शिक्षा में तकनीकी एकीकरण” है, और इसकी मेज़बानी देहरादून, उत्तराखंड स्थित ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) द्वारा की जा रही है।
सम्मेलन का उद्घाटन समारोह 5 नवंबर, 2024 को उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) द्वारा जीईआईएमएस देहरादून में किया जाएगा। समापन सत्र में हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला मुख्य अतिथि होंगे, और उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस सम्मेलन का नेतृत्व एआईयू के अध्यक्ष एवं सीएसजेएम विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक करेंगे। एआईयू की महासचिव डॉ0 पंकज मित्तल इसकी आयोजनकर्ता हैं। प्रो0 नरपिंदर सिंह, कुलपति, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, इस कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे और सभी आगंतुकों का स्वागत करेंगे। इस अवसर पर ‘विश्वविद्यालय समाचार’ का विशेष अंक भी मुख्य अतिथि द्वारा जारी किया जाएगा। एआईयू के अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारतीय उच्च शिक्षा में प्रौद्योगिकी के समग्र एकीकरण पर विचार करना और उसमें उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर चर्चा करना है। प्रो0 पाठक ने कहा, “तकनीकी एकीकरण न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाता है, बल्कि इसे व्यापक पहुंच, प्रभावी और उन्नत बनाता है। इसका उद्देश्य है कि आज की शिक्षा प्रणाली विद्यार्थियों को आधुनिक दुनिया की आवश्यकताओं के अनुकूल बनाये, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।” एआईयू की महासचिव डॉ0 पंकज मित्तल ने यह सम्मेलन उच्च शिक्षा को एक नया दृष्टिकोण और दिशा देने का प्रयास है।” प्रो0 नरपिंदर सिंह ने उच्च शिक्षा में तकनीकी एकीकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “यह सम्मेलन हमें शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी जैसी तकनीकों के लाभ और उनके उपयोग को समझने का अवसर देगा। इसके माध्यम से हम विद्यार्थियों को एक सशक्त, स्वतंत्र और उन्नत शिक्षण अनुभव प्रदान कर सकेंगे।”
सम्मेलन के तकनीकी सत्र
इस दो दिवसीय सम्मेलन में निम्नलिखित तीन प्रमुख तकनीकी सत्र होंगे
मिश्रित शिक्षण मॉडल-इसमें शिक्षा के पारंपरिक और डिजिटल माध्यमों का संयोजन करने के तरीकों पर चर्चा होगी।
शिक्षा में एआई, वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी का एकीकरण इसमें उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग के माध्यम से शिक्षा को अधिक समृद्ध और रोचक बनाने के उपायों पर विचार किया जाएगा।
साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता इसमें शिक्षा संस्थानों में डेटा सुरक्षा को मजबूत करने के महत्व पर ध्यान दिया जाएगा।
सम्मेलन में उत्तर क्षेत्र के लगभग 100 कुलपति, भारतीय उच्च शिक्षा के विभिन्न शीर्ष निकायों के अधिकारी और देश-विदेश से शिक्षाविद् शामिल होंगे। सम्मेलन के माध्यम से तकनीकी एकीकरण के विभिन्न पहलुओं पर सार्थक संवाद और चर्चाओं का आयोजन होगा। एआईयू की योजना है कि इस सम्मेलन में चर्चा किए गए विचारों और प्रस्तावों को आगामी राष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किया जाएगा, जिससे कि भारत में उच्च शिक्षा के विकास के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।