सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
रिसर्च और इनोवेशन पर फोकस कर दुनिया के शीर्ष संस्थानों को दे सकेंगे चुनौती। प्रो0 पाठक
विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) की कुलपतियों की बैठक में देश भर के शिक्षाविदों को किया सम्बोधित
उत्तरांखड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने लिया उद्घाटन समारोह में हिस्सा
कानपुर। एआईयू के अध्यक्ष और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीजेएमयू) के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक ने भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में तकनीक के उपयोग पर बल दिया। उन्होने कहा कि तकनीक के साथ भारतीय उच्च शिक्षा के संस्थान दुनिया की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। प्रो0 पाठक मंगलवार को भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के देहरादून में आयोजित उत्तर क्षेत्र के कुलपतियों के सम्मेलन में बतौर अध्यक्ष बोल रहे थे। दो दिन के इस कार्यक्रम में 100 से अधिक कुलपति हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन का उद्घाटन उत्तरांखड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने किया। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने एआईयू के विकास पथ को रेखाकिंत किया।
दो दिन तक होने वाले इस सम्मेलन के पहले दिन प्रो0 पाठक ने कहा कि तेजी से विकसित हो रही वैश्विक अर्थव्यवस्था की मांगों को पूरा करने के लिए भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य को नया रूप देने में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षा में बदलाव के महत्वपूर्ण पहल के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी जैसी प्रमुख तकनीकों की भूमिका के बारे में बताया। प्रोफेसर पाठक ने कहा, “विश्वविद्यालयों को पारंपरिक शिक्षण संस्थानों से विकसित होकर शोध-उन्मुख केंद्रों में बदलना चाहिए जो नवाचार को बढ़ावा दें और शोध निष्कर्षों से व्यावहारिक अनुप्रयोग विकसित करें।” उन्होंने शिक्षण संस्थानों द्वारा अनुसंधान को बढ़ावा देने और इसे ग्लोबल परिदृश्य के लिए तैयार नवाचारों में बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होने कहा कि भारत की आर्थिक और तकनीकी उन्नति में शैक्षणिक नवाचार महत्वपूर्ण कदम साबिल होगी। प्रोफेसर पाठक ने माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत के प्रति उनकी उपस्थिति और समर्थन के लिए गहरा आभार व्यक्त किया।
ग्राफिक ईरा विश्वविद्यालय देहरादून में दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन उच्च शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर केंद्रित विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिसमें सीखने की प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), वर्चुअल रियलिटी (वीआर) का उपयोग और मिश्रित शिक्षण प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना शामिल था। पैनल में प्रतिष्ठित वक्ता और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने इस बारे में जानकारी साझा की कि कैसे ये उभरती हुई प्रौद्योगिकियां शैक्षिक परिदृश्य को नया रूप दे सकती हैं।
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल माननीय लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत उपस्थित थे। उन्होने एआईयू की शताब्दी लंबी यात्रा पर विचार व्यक्त किए और भारत में उच्च शिक्षा के परिवर्तनकारी भविष्य पर चर्चा की। उन्होंने इस कार्यक्रम की मेजबानी के लिए प्रोफेसर कमल घनशाला और ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया, जिसने उच्च शिक्षा के भविष्य पर सहयोग और अग्रगामी विचार-विमर्श के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान किया।