सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। श्रीराम सार्वजनिक सेवा समिति वाई ब्लाक/पशुपतिनगर कानपुर द्वारा आयोजित एकादश श्री राम कथा महोत्सव के चतुर्थ दिवस रामायणी कुटी चित्रकूट से पधारे श्री श्री 108 रामहृदय दास जिज्ञासु जी महाराज द्वारा अहिल्या उद्धार प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया गया। कथा में उन्होंने कहा कि अहिल्या गौतम ऋषि की पत्नी थी। गौतम ऋषि व ऋषि रानी आश्रम बनाकर निवास करते थे। उनका सिर्फ एक ही उद्देश्य था कि सब सुखी बने सभी यशस्वी बने। वह भक्ति भाव लीन रहते थे। उनके भजन भाव से देवराज इन्द्र को भय हुआ। इसी ईष्या से उन्होंने स्वयं गौतम ऋषि का वेश धारण कर माता अहिल्या के कुटिया में जाकर छुप गए। जब गौतम ऋषि गंगा स्नान के लिए चले गए तब देवराज इन्द्र ने छल पूर्वक उनकी पत्नी अहिल्या के मातृत्व को नष्ट कर दिया। ऋषि पत्नी को लगा कुछ गलत हुआ है। पर कुछ कह ना सकी। गौतम ऋषि को जब आभास हुआ कि अभी तो अर्द्धरात्रि है, तो वह समझ गए कि कुछ गड़बड़ है। आश्रम में आकर अहिल्या से पूछा तो कुछ बोल न सकी। गौतम ऋषि अपने योगबल से समझ गएं कि देवराज इन्द्र ने छल किया है। तब गौतम ऋषि ने अहिल्या को श्राप जा तू पत्थर की शिल बन जाओ। बहुत सालों बाद प्रभु अपनी चरण रज से अहिल्या का उद्धार कर दिया। तब अहिल्या ने भगवान श्री राम को प्रणाम कर अपने पति लोक को प्रस्थान कर गई। राम कथा महोत्सव में प्रमुख रूप से राजेन्द्र सिंह चौहान, देवेश द्विवेदी, लाला अग्निहोत्री, अशोक मिश्रा, मोनू पांडेय, राधे शिवहरे, विवेक बाजपेई, अजय अग्निहोत्री, देवेंद्र भदौरिया, मुन्ना गुप्ता, हितेश तिवारी, विवेक द्विवेदी, चन्द्र कुमार तिवारी, जगत नारायण तिवारी, राम कुमार द्विवेदी उपस्थित रहें।