सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट ने उन्नत शोध पद्धति पर एक सप्ताह की कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन किया, जिसमें 31 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला में उन्नत सांख्यिकीय उपकरणों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर गहन प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें संरचनात्मक समीकरण मॉडलिंग (एसईएम), पुष्टिकरण कारक विश्लेषण (सीएफए), अन्वेषणात्मक कारक विश्लेषण (ईएफए), मॉडरेशन और मध्यस्थता जैसी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया। शोध कौशल को बढ़ाने और इन पद्धतियों की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक शिक्षा पर जोर दिया गया। समापन समारोह ने एक आकर्षक और व्यावहारिक सप्ताह के समापन को चिह्नित किया। संयोजक, प्रो0 सुधांशु पांडिया ने कार्यशाला के सफल समापन पर प्रतिभागियों को बधाई दी और शैक्षणिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में उन्नत शोध विधियों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। लाइब्रेरियन प्रो0 आशीष श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को शोध संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और सीखने और अनुप्रयोग की अपनी यात्रा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।कार्यशाला के संसाधन व्यक्ति डॉ0 राकेश कुमार ने नवोदित विद्वानों के लिए इस तरह की पहल के महत्व पर जोर दिया, जिससे उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले प्रकाशन तैयार करने और अपनी शोध क्षमताओं को आगे बढ़ाने में मदद मिली। सुश्री पल्लवी मिश्रा ने बड़ी कुशलता से समापन समारोह का संचालन किया, जिससे कार्यक्रम का समापन यादगार रहा। सह-संयोजक डॉ0 मोहित और डॉ0 प्रवीण अग्रवाल ने संयुक्त रूप से धन्यवाद ज्ञापन किया, जिन्होंने संयोजक, संसाधन व्यक्तियों और प्रतिभागियों को उनकी सक्रिय भागीदारी और योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। प्रतिभागियों ने कार्यशाला के बारे में अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और विषयों को और अधिक जानने के लिए एक विस्तार या एक और श्रृंखला का अनुरोध किया। यह प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण शोध आवश्यकताओं को संबोधित करने में कार्यशाला की प्रासंगिकता और प्रभाव को रेखांकित करती है।कार्यशाला ने शोधकर्ताओं को आवश्यक कौशल और उन्नत पद्धतियों से सशक्त बनाया है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले शोध परिणामों का मार्ग प्रशस्त हुआ है।