सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
एआईयू के वेस्ट जोन वाइस चांसलर मीट में देश भर के शिक्षाविदों को किया सम्बोधित
महाराष्ट्र के नवीं मुंबई में डी वाई पटेल यूनिवर्सिटी में आयोजित हुआ कार्यक्रम
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े बतौर मुख्य अतिथि शामिल
दो दिन के आयोजन में देश भर के शिक्षाविद कर रहे हैं शिरकत
कानपुर नगर। इनोवेशन को बढ़ावा देने से छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए नए-नए अवसर मिल सकेंगे। भारत के बाहर के विश्वविद्यालयों में इनोवेशन और रैंकिंग आधारित एकेडमिक इन्फ्राक्स्ट्रक्चर को मजबूती से स्थापित किया जा रहा है। अगर हमें विश्व पटल पर अपने स्टूडेंट्स को पहचान दिलानी है तो उनके लिए ग्लोबल एजुकेशन एनवायरमेंट बनाना होगा। यह जिम्मेदारी हम सभी की है।
यह कहना है कि एआईयू के प्रेसीडेंट और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक शनिवार को महाराष्ट्र की डी वाई पटेल यूनिवर्सिटी में एआईयू द्वारा आयोजित वेस्ट जोन वाइस चांसलर मीट में बतौर विशिष्ट अतिथि सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। लीडरशिप एंड गवर्नेंस इन हायर एजुकेशन पर दो दिवसीय (20,21 दिसम्बर) इस आयोजन में देश भर के शिक्षाविद, अकादमिक जगत के अध्येता एवं तकनीकी विशेषज्ञ शिरकत कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रो0 पाठक ने कहा कि गलीडरशिप एंड गुडं गवर्नेंस से उच्च शिक्षा मे छात्रों में नेतृत्व की कला को निखारा जा सकता है और उन्हें मानसिक रुप से विकसित भी किया जा सकता है। उन्होने नवाचार में टेक्नोलॉजी के उपयोग पर बल दिया। दो दिन की इस मीट का उद्धाटन राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने किया। कार्यक्रम में एआईसीटीई, क्यूएस रैंकिंग के साउथ एशिया के पदाधिकारी, शिक्ष्रा मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारियों समेत देश भर से कुलपति एवं अकादमिक विशेषज्ञों ने भागीदारी की है।
बदल रही है विश्वविद्यालयों की छवि- प्रो0 पाठक
दो दिन के इस अकादमिक आयोजन में कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे विवि ग्रेडिंग और रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। नैक की ग्रेडिंग से शिक्षण संस्थानों में एक बदलाव देखा जा सकता है। एनआईआरएफ और क्यूएस एशिया रैंकिंग से उनमें और बेहतर करने की उम्मीद जगी है। मेरा मानना है कि अभी वैश्विक पटल पर भारत के शिक्षण संस्थानों के लिए सबसे अधिक अवसर हैं। ऐसे में हमें बेहतर अकादमिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से दुनिया भर के संस्थानों में खुद को स्थापित करना होगा।