सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर नगर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा तीन दिवसीय इंटरनेशनल संगोष्ठी का आयोजन ‘एडवांसेस इन लाइफ साइंसेज’ विषय पर कराया जा रहा है। संगोष्ठी के पहले दिन 9 जनवरी 2025 को संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर एस गणेशन, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, प्रतिकुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी कुलसचिव डॉक्टर अनिल कुमार यादव डिपार्टमेंट की डायरेक्टर प्रोफेसर वर्षा गुप्ता के द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि ने जैव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में बढ़ रहे अफसर के बारे में छात्र-छात्राओं को बताया और बदलते हुए समय के साथ शोध की गुणवत्ता में आए सुधारों और नई तकनीको के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आज के समय में जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान की विभिन्न विधाओं में कुशल छात्रों के लिए स्टार्टअप मेक इन इंडिया और दुनिया भर में असीम संभावनाएं हैं। उन्होने जैव विज्ञान और तकनीकी के तालमेल पर जोर दिया। प्रति कुलपति प्रो0 अवस्थी ने अपने उद्बोधन में सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए प्राकृतिक संसाधनों और नवीन अनुसंधानों के बारे में बताया। प्रोफेसर वर्षा गुप्ता निर्देशक एसएलएसबीटी के द्वारा संगोष्ठी में आए हुए सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए विभाग में हो रही रिसर्च गतिविधियों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। संगोष्ठी के प्रथम दिन में एनसी स्टेट यूनिवर्सिटी यूएसऐ के प्रोफेसर मार्टिन ए हयूबे ने सैलूलोसिक फाइबर्स की नैनो पोलोसिटी और चार्ज विशेषताओं की पुन पुर्नव्याख्या की। अपराहन सत्र का संचालन डॉक्टर शिल्पा कायस्था और डॉक्टर विनोद कुमार वर्मा ने किया। इस सत्र में नेशनल कॉउशुंग यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर रीता रानी सिंघानिया ने अक्षय ऊर्जा स्रोतो के विभिन्न प्रारूपों विशेषत: बायोफ्यूल्स की पर्यावरणीय स्थिरता के महत्वता को विस्तार पूर्वक समझाया। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की डॉक्टर अंकी जी ने बेकार कागज और पौधों के अवशेषों के सम्मिश्रण का उपयोग 3डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी में किस प्रकार किया जा सकता है और मूल्यवान वस्तुओं का निर्माण किया जा सकता है के बारे में व्याख्यान दिया।
संगोष्ठी में 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस सत्र में 10 से अधिक मौखिक प्रेजेंटेशन प्रतिभागियों ने विभिन्न शोध विषयों पर पैनल के समक्ष प्रस्तुत किए। संगोष्ठी का समन्वयन डॉक्टर आरके शर्मा एवं सहसमन्वयन डॉ0 अजय कुमार पांडे, डॉक्टर गौरव कुमार और डॉक्टर दीपेश कुमार वर्मा द्वारा किया गया। संगोष्ठी में विभाग के सभी शिक्षक गण एवं छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे।