
सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
आगामी 10 वर्षों के तक प्रदान किया जाएगा पुरस्कार
विवि के अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद ने किया इसे पारित
प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को मिलेगी रु 30000 की धनराशि
कानपुर नगर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों की प्रगति एवं उत्कृष्टता विकास के प्रोत्साहन हेतु माननीय कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में निरन्तर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने स्नातक तथा परास्नातक स्तर पर समाजशास्त्र विषय के शीर्ष मेधावी विद्यार्थियों को डॉ0 विश्वनाथ सेठ समाजशास्त्र उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की है। अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद की बैठक में समाजशास्त्र विषय में स्नातक तथा परास्नातक स्तरों पर प्रथम तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को नकद पुरस्कार प्रदान किए जाने पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी गई। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को रुपए 30000 तथा द्वितीय स्थान प्राप्तकर्ता विद्यार्थी को रुपए 20000 उत्साहवर्धन राशि के रूप में प्रदान किया जाना सुनिश्चित किया गया है। विश्वविद्यालय यह पुरस्कार आगामी 10 वर्षों तक प्रदान करेगा जो कि निश्चित रूप से समाजशास्त्र के विद्यार्थियों को दृढ़ता एवं लगन के साथ अध्ययन की दिशा में प्रेरित करने का कार्य करेगा। यह पुरस्कार प्रतिष्ठित समाजशास्त्री डॉ0 विश्वनाथ सेठ की स्मृति में प्रदान किया जाएगा जो कि विश्वविद्यालय के कॉलेज विकास परिषद के निदेशक के रूप में एक दशक से अधिक समय तक कार्यरत रहे। इससे पूर्व डॉ0 विश्वनाथ सेठ ने क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर में समाजशास्त्र के प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की। शोध और शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले डॉ0 सेठ ने अपने शैक्षिक जीवन में राष्ट्रीय गौरव, राष्ट्रीय रत्न जैसे विभिन्न पुरस्कार भी प्राप्त किए थे। उन्होंने 20 से अधिक विद्यार्थियों को सफलतापूर्वक शोध हेतु मार्गदर्शन भी प्रदान किया था। भारत ही नहीं अपितु भारत के बाहर भी शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया जिसके लिए उन्हें फ्रेडरिक-अलेक्जेंडर विश्वविद्यालय, एर्लांगेन-न्यूरमबर्ग, जर्मनी से डीएएडी फेलोशिप और अमेरिकन बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट, यूएसए से गोल्ड मेडल भी प्राप्त हुआ।
विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व शिक्षाविद की स्मृति में प्रारंभ किया गया यह पुरस्कार अपने प्रतिष्ठित शिक्षाविदों की विरासत का सम्मान करता है तथा निश्चित रूप से शिक्षा तथा शिक्षकों की गरिमा की सुनिश्चितता की पुष्टि करता है एवं विद्यार्थियों को शिक्षण जैसे प्रतिष्ठित कार्य क्षेत्र के प्रति समर्पण की दिशा की ओर उन्मुख भी करता है।