
सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर देहात। डेरापुर थाना क्षेत्र के गांव मवई मुक्ता के पास अधेड़ की हत्या कर शव फेका गया था और उसके पुत्र पर भी जानलेवा हमला हुआ था। पुलिस ने घायल को इलाज के लिए कानपुर भेजा था। वहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। पोस्टमार्टम और अन्य औपचारिकताओं के बाद मंगलवार को दोनों शव वापस लाए गए तो गांव में कोहराम मच गया। वहीं परिजन कार्यवाही की मांग को लेकर हो हल्ला मचाने लगे।पुलिस द्वारा काफी समझाने बुझाने के बाद परिजन शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुए।
जानकारी के अनुसार हाई-वे के पास मिले शव की शिनाख्त के बाद ग्राम मवई मुक्ता थाना डेरापुर जनपद कानपुर देहात की रहने वाली नन्ही देवी पत्नी सिद्धनाथ थाने में तहरीर दी। इसमें उसने बताया कि उसके पति सिद्ध नाथ पुत्र गंगा राम की पहली पत्नी रानी देवी व पहली पत्नी के पुत्र बोबी उर्फ पुष्पराज व बोबी की पत्नी रंजना द्वारा संपत्ति के बंटवारे को लेकर पति की हत्या की गई थी। उसने बताया कि सिद्धनाथ एक छठी समारोह में सम्मिलित होने के लिए गांव बेडामउ गए थे।वहां उसके साथ गाली गलौज की गई साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। आरोप है कि वापस घर आने पर छुन्ना उर्फ बृजेन्द्र शुक्ला के मकान के पास पहुंचने पर पूर्व नियोजित योजना के तहत बोबी उर्फ पुष्पराज द्वारा शीशम के खुथीले डंडे से उसके पति व पुत्र वीरू उर्फ अमित पर जानलेवा हमला कर मरणासन्न कर दिया गया था। इससे उसके पति की मृत्यु हो गई जब कि पुत्र घायल हो गया। परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर पिता सिद्धनाथ को वहां के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि गम्भीर रूप से घायल वीरू उर्फ अमित का प्राथमिक उपचार कर हैलट अस्पताल कानपुर नगर रेफर कर दिया था। जहां सोमवार की देर रात उसकी भी उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गई। पिता पुत्र की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया और आक्रोश व्याप्त हो गया। पुलिसिया कार्यवाही के बाद मंगलवार को जब दोनों शव गांव लाए गए तो घटना से आक्रोशित परिजनों ने शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। जिसपर मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने काफी समझाया बुझाया। लेकिन परिजन मृतक की जमीन शीला देवी व मृतक पिता की पत्नी नन्हीं देवी के नाम व अविवाहित पुत्र राहुल के नाम करने की जिद कर रहे थे। मामला बढ़ता देख कई थानों की पुलिस मौके पर बुला ली गई। इसके बाद कानूनगो हरी शंकर शुक्ला व एसडीएम से वार्ता कराई गई। तब मृतक की भूमि की नामांतरण प्रक्रिया प्रारंभ हुई।जिसके बाद आक्रोशित परिजन शांत हुए और गांव के बाहर खेतों में पिता पुत्र दोनों के शवों का अंतिम संस्कार किया।