
सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर नगर। जिलाधिकारी श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में मा0 मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना “मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान” के अन्तर्गत अधिक से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को गति प्रदान करते हुए इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने एवं इस क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजित किये जाने तथा प्रदेश में पूंजी निवेश को आकर्षित करने हेतु प्रतिवर्ष 01 लाख नई सूक्ष्म इकाईयां स्थापित किये जाने के लक्ष्य निर्धारित किए गए है, जिसके क्रम में जनपद कानपुर नगर को 3000 ऋण वितरण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना में 5 लाख रूपये तक ऋण जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से बैंको द्वारा वितरित किए जायेंगे। उक्त योजना में मुख्य रूप से 10 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी जो व्याज मुक्त योजना है।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा बैठक में उपस्थित समस्त संबंधित अधिकारियों बैंक प्रतिनिधियों को निम्न निर्देश दिए गएं।
उपयुक्त उद्योग को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद के निर्धारित 3000 लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक मात्र 1332 आवेदन ही हुए है ,जिसे जल्द से जल्द बढ़ाया जाए। जिसके लिए कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी तथा एनएचआरएलएम के लाभार्थियों के भी आवेदन कराकर जनपद के निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति की जाए।
जिन बैंको द्वारा योजना के क्रियान्वय में लापरवाही बरती जा रही है उन बैंकों का उत्तरदायित्व निर्धारत करते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए।
समीक्षा के दौरान यह प्रकाश में आया कि 1332 कुल आवेदन के सापेक्ष 1107 आवेदन बैंको में पेंडिग है जिसके संबंध में जिलाधिकारी द्वारा उपयुक्त उद्योग को निर्देशित किया गया कि बैंक वार अपनी टीम लगाकर उनकी समस्या का समाधान कराना सुनिश्चित करें।
सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के कुल आवेदन 280 के सापेक्ष 267 आवेदन पेंडिग है जिसमें 13 आवेदन बैंक द्वारा रिजेक्ट कर दिए गए जिसके क्रम में जिलाधिकारी द्वारा लीड बैंक मैनेजर को निर्देशित किया गया की उनके खिलाफ योजना में लापरवाही बरते के कारण चेतावनी निर्गत किए जाने के निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान यह पाया गया की बैंक ऑफ इण्डिया में 66 आवेदन के सापेक्ष 62 आवेदन पेंडिंग है जबकि 4 आवेदन बैंक द्वारा रिजेक्ट कर दिए गए साथ ही समीक्षा के दौरान बैंक से उपस्थित प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि बैंक के उच्च अधिकारियों द्वारा 2 माह से कोड न दिए जाने के कारण भी पेंडिग रही जिसके क्रम में जिलाधिकारी ने बैंक द्वारा योजना के क्रियान्वय में की गई लापरवाही के दृष्टिगत उनके खिलाफ मुख्य सचिव को पत्रलिखने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी को दिए।
मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि उनके द्वारा प्रतिदिन उक्त योजना की प्रगति की समीक्षा की जाए।
लीड बैंक मनेजर को निर्देशित करते हुए कहा कि बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक के 58 आवेदन के सपेक्ष 43 आवेदन बैंक में पेंडिंग है जबकि 15 आवेदन को बैंक द्वारा रिजेक्ट कर दिए गए। बैंक द्वारा रिजेक्ट किए गए 10 रेंडम आवेदन की स्थिति से अवगत कराना सुनिश्चित करें किन कारणों की वजह से बैंक द्वारा आवेदन रिजेक्ट किए गए।
समस्त बैंको के उपस्थित प्रतिनिधियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि योजना के क्रियान्वय में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती दीक्षा जैन, उपयुक्त उद्योग श्री अंजनीश प्रताप सिंह, लीड बैंक मनेजर सहित विभिन्न बैंको के प्रतिनिधि उपस्थित रहें।