
सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
आगामी सत्र 2025-26 से शुरू होगा विश्वविद्यालय में नया पाठ्यक्रम
छात्रों को मिलेगा ग्लोबल एक्स्पोज़र, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
कानपुर नगर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में माननीय कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक के नेतृत्व में फ्रेगरेंस और फ्लेवर डिपार्टमेंट सेंटर (एफएफडीसी) कन्नौज के साथ विश्वविद्यालय ने समझौते विज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सीएसजेएम विश्वविद्यालय देश का पहला संस्थान बना, जिसने “फ्रेगरेंस और फ्लेवर केमिस्ट्री” में विशेषज्ञता वाले एम.एससी. (रसायन शास्त्र) कार्यक्रम की शुरुआत की है।
इस अवसर पर एफएफडीसी कन्नौज के निदेशक श्री शक्ति विनय शुक्ला और उपनिदेशक श्री नदीम अकबर उपस्थित रहे। इस एमओयू की शर्तों के अनुसार, स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज में रसायन विज्ञान विभाग रसायन विज्ञान में एक विशेष दो साल के मास्टर (एम.एस.सी.) कार्यक्रम की पेशकश करेगा, जो “फ्रेगरेंस और फ्लेवर केमिस्ट्री” पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह कार्यक्रम एमएसएमई-एसएफआई, कन्नौज, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित एमएसएमई-एफएफडीसी के साथ साझेदारी में आयोजित किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम उत्तर प्रदेश के कन्नौज स्थित एफएफडीसी संस्थान में प्रैक्टिकल नॉलेज के साथ संचालित होगा। एफएफडीसी के डायरेक्टर शक्ति विनय शुक्ला ने भी इस बात पर जोर दिया कि यह छात्रों के लिए एफएफडीसी में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रदान करेगा।
माननीय कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने इस समझौते के तहत विद्यार्थियों के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की बात कही। प्रोफेसर पाठक ने यह भी बताया कि यह नया और अनूठा पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को फ्रेगरेंस और फ्लेवर के क्षेत्र में गहराई से समझ और एक नई स्किल प्रदान करेगा। प्रो0 पाठक ने कहा कि थ्योरी संबंधित कक्षाएं विश्वविद्यालय में होगी, जबकि सभी प्रैक्टिकल संबंधित कार्य, जैसे कि पायलट स्केल पर परीक्षण, एफएफडीसी में कराए जाएंगे। डिग्री सीएसजेएम विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाएगी।
पीएच.डी.और डिजर्टेशन के लिए विश्वविद्यालय एक सुपरवाइजर तथा एफएफडीसी से एक को- सुपरवाइजर नियुक्त करेगा। साथ ही, केमेस्ट्री और केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, एफएफडीसी के साथ मिलकर व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी चलाएगा। जिन विद्यार्थियों ने एम.एससी. के पहले वर्ष या फ्रेगरेंस और फ्लेवर में पी.जी. डिप्लोमा किया है, उन्हें इस कोर्स के दूसरे वर्ष में लेटरल एंट्री का विकल्प भी मिलेगा।
सेंटर ऑफ एक्सलेंस की होगी स्थापना
भविष्य में दोनों संस्थानों की सहमति से विश्वविद्यालय परिसर में एक “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना भी की जा सकती है। एफएफडीसी के सहयोग से विश्वविद्यालय व्यावसायिक प्रशिक्षण, कार्यशालाएं, कॉन्फ्रेंस, और शॉर्ट-टर्म सर्टिफिकेट कोर्स भी आयोजित करेगा।
इनोवेशन के साथ स्टार्टअप्स से जुड़ेंगे विवि के छात्र, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
विद्यार्थी इस कोर्स के जरिए फ्रेगरेंस और फ्लेवर, कॉस्मेटिक उद्योग में इनोवेशन करने, तकनीक व सस्टेनेबिलिटी पर काम करने वाले स्टार्टअप्स के साथ जुड़ने और नए प्रोडक्ट विकसित करने में सक्रिय भागीदारी करेंगे। यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर फ्रेगरेंस और फ्लेवर उद्योग की सामाजिक और आर्थिक भूमिका को समझने की गहराई प्रदान करेगा। विद्यार्थियों को भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इस क्षेत्र में बेहतर अवसर मिलेंगे।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के प्रो0 वाइस चांसलर प्रो0 सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ0 अनिल कुमार यादव, डीन अकादमिक डॉ0 बृष्टि मित्रा, लाइफ साइंसेज निदेशक डॉ0 वर्षा गुप्ता और रसायन विभाग के अन्य शिक्षकगण मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज की उपनिदेशक डॉ0 अंजू दीक्षित ने किया और सीएसजेएमयू की ओर से इस समझौते के नोडल अधिकारी डॉ0 इंद्रेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।