
सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में आयोजन
बीजेएमसी के छात्र सुधीर कुमार को प्रथम स्थान व बीजेएमसी की छात्रा अर्चिता रक्सेल ने प्राप्त किया द्वितीय स्थान
कानपुर नगर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की प्रेरणा और मार्गदर्शन में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में “विकसित भारत 2047 के संदर्भ में भारत रत्न डॉ0 भीमराव अंबेडकर के विचारों की प्रासंगिकता” विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश शासन एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के दिशा-निर्देशन में सम्पन्न हुआ। म जिसमें प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डॉ0 विशाल शर्मा के स्वागत वक्तव्य से हुआ। उन्होंने कहा डॉ0 अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि एक दूरद्रष्टा विचारक थे। उनका चिंतन आज के भारत के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास की दिशा तय करता है। ऐसी प्रतियोगिताएं छात्रों को उनके विचारों से जुड़ने का अवसर देती हैं।” कार्यक्रम की समन्वयक डॉ0 रश्मि गौतम ने कहा,”आज के युवाओं में डॉ0 अंबेडकर के विचारों को समझने और उन्हें क्रियान्वित करने की चेतना जागृत हो रही है। प्रतियोगिता में विभाग के विद्यार्थियों ने सक्रिय सहभागिता करते हुए डॉ0 अंबेडकर के विचारों को आधुनिक भारत के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया। निर्णायक मंडल में पर्यावरण विज्ञान विभाग की
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ0 द्रौपती यादव और कंप्यूटर साइंसेस विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 पुष्पा ममोरिया शामिल रहीं। डॉ0 द्रौपती यादव ने कहा,”डॉ0 अंबेडकर ने समाज में समानता, शिक्षा और न्याय के जो मूल्य स्थापित किए, वे आज भी विकसित भारत की नींव हैं। प्रतिभागियों के विचारों में परिपक्वता और सामाजिक जागरूकता देखने को मिली।” डॉ0 पुष्पा ममोरिया ने कहा, “डॉ0 अंबेडकर का चिंतन केवल अतीत की विरासत नहीं, बल्कि भविष्य का मार्गदर्शन है।”
इस अवसर पर डॉ0 जितेन्द्र डबराल ने कहा,” छात्र-छात्राओं में डॉ0 अंबेडकर के विचारों को लेकर जो जागरूकता है, वह भारत के उज्जवल भविष्य की ओर संकेत करती है।” डॉ0 योगेन्द्र कुमार पांडे ने कहा, भीमराव अंबेडकर ने अपने विचारों और कार्यों से जिस समतामूलक समाज की परिकल्पना की थी, वह आज ‘विकसित भारत 2047’ की नींव बन रही है। हमें उनके सिद्धांतों को केवल पढ़ना नहीं, बल्कि उन्हें अपने जीवन में उतारना होगा। विभाग के कई छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया इस प्रतियोगिता में सुधीर कुमार को प्रथम स्थान एवं अर्चिता रक्सेल को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 रश्मि गौतम ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 ओमशंकर गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में प्रेम किशोर शुक्ला, सागर कनौजिया सहित विभाग के अन्य संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।