
सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर नगर। जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में आज जनपदीय शुल्क नियामक समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत की गयी। उक्त बैठक में समिति के सदस्यो के साथ-साथ समिति की विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन उपस्थिति रही।
समिति की बैठक में उपस्थित होकर अभिभावक श्री रजनीश उर्फ नीरज लोहिया निवासी 851 एल० आई० जी० ए गुजैनी कानपुर नगर ने अवगत कराया कि उनकी पुत्री कक्षा 08 में एक्मे पब्लिक स्कूल, गुजैनी, कानपुर नगर में अध्ययनरत है। विद्यालय द्वारा अत्यधिक शुल्क लिये जाने और फेयरडील बुक सेलर एण्ड स्टेशनरी, गोविन्द नगर कानपुर नगर से कॉपी और किताबे अधिक मूल्य में खरीदने की शिकायत की गयी है। उक्त के अतिरिक्त समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के क्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय), सह जिला विद्यालय निरीक्षक, कानपुर नगर द्वारा निर्गत नोटिस के क्रम में विद्यालयों द्वारा प्राप्त करायी गयी आख्या जनपदीय समिति द्वारा संतोषजनक न पाये कई स्कूलों को नोटिस जारी किया गया।
इन विद्यालयों पर जिलाधिकारी ने कसी नकेल
जिलाधिकारी द्वारा जनपद के एक्मे पब्लिक स्कूल, गुजैनी,
ऐन एल के इण्टर कालेज, अशोक नगर, ऐन एल के पब्लिक स्कूल, जवाहर नगर, एस०जे० विद्या निकेतन इण्टर कालेज, नौबस्ता,
वेण्डी ऐकेडमी हाईस्कूल, साकेत नगर और चिन्टल्स स्कूल, 121 एच, आई०जी० रतनलाल नगर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। जिसके जवाब में विद्यालय प्रबंधन ने कहा कि नोटिस पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। छात्रों से ना तो गलत फीस वसूली जा रही है और ना ही उन्हें किताब अथवा कॉपी किसी चुनिंदा दुकान से खरीदने की को बाध्य किया जाता है।
विद्यालयों के उक्त जवाब से जिलाधिकारी संतुष्ट नहीं दिखे जिलाधिकारी व समिति के सदस्य संतुष्ट नहीं दिखे इसलिए उन्होंने 9 अप्रैल बुधवार को समिति के समक्ष सुसंगत अभिलेख सहित उक्त विद्यालयों के प्रिंसिपल प्रधानाचार्य को उपस्थित होने के निर्देश दिए। वहीं किताबों की लिस्ट ना छात्रों को देने पर विद्यालय के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिएं।
समिति की बैठक में जिलाधिकारी निर्देश दिए कि 5 वर्षों में जितने स्कूलों ने बच्चों की यूनिफॉर्म बदलवायी है, उनकी लिस्ट बनाते हुए उन पर कार्रवाई किया जाए। जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को मनमानी फीस वसूलने और बच्चों के आर्थिक शोषण करने वाले स्कूलों की सूची बनाकर पेश करते हुए दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
क्या कहता है कानून
उ०प्र० स्ववित्तपोषित स्वतंत्र (शुल्क निर्धारण) अध्यादेश 2018 की बिन्दु संख्या 10 में उल्लिखित किसी छात्र को पुस्तकें, जूते, मोजे व यूनिफार्म आदि किसी विशेष दुकान से क्रय करने के लिए बाध्य नही किये जाने का उल्लंधन माना जाता है अर्थ दंड के साथ-साथ अन्य आवश्यक कार्रवाई करना समिति के अधिकार क्षेत्र में आता है।