
सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने पर सभी ने दी बधाई
शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने गिनाई विवि की उपलब्धियां, कुलपति का जताया आभार
रैंकिंग, ग्रेडिंग, स्टूडेंट्स सुविधाओं के साथ-साथ डिजिटल इन्फ्राक्स्ट्रक्चर में विवि को दिलाई पहचान
कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन को दिया श्रेय, जताया आभार
कानपुर नगर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक के दूसरे कार्यकाल के पहले साल के पूरे होने पर विवि परिवार में हर्ष का माहौल रहा। शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विवि के पुरातन छात्रों ने कुलपति प्रो पाठक के नेतृत्व के लिए उनकी सराहना की। उनके नेतृत्व के कारण ही विश्वविद्यालय ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। प्रो पाठक ने इस पूरी यात्रा के लिए कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन को श्रेय दिया है और उनके प्रति आभार व्यक्त किया है।
शुक्रवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में सभी शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों सहित पुरातन छात्रों ने कुलपति प्रो पाठक के दूसरे कार्यकाल के पहले साल के सफलतापूर्वक पूरा होने पर बधाई दी। प्रो0 पाठक के कुशल नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक, भौतिक, और डिजिटल डेवलपमेंट के क्षेत्रों में कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। विश्वविद्यालय ने कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक के मार्ग दर्शन में हाल ही में NAAC द्वारा A++ उच्च ग्रेड प्राप्त की है, जो यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक गुणवत्ता, संसाधनों और समग्र प्रदर्शन का प्रमाण है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने NIRF रैंकिंग में भी अपनी स्थिति को मजबूत किया है। उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने शिक्षा, रिसर्च, इनोवेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए ऑनलाइन शिक्षा, परीक्षा और परिणाम प्रणाली को मजबूत किया। विश्वविद्यालय में कई नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई तथा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा मिला।
प्रो0 पाठक के कार्यकाल में विश्वविद्यालय को एक डिजिटल यूनिवर्सिटी के रूप में भी विकसित किया गया। ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, ई-ऑफिस प्रणाली, और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी प्रयासों ने प्रशासन और शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और पारदर्शी बनाया है।
पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनेबिलिटी की दिशा में भी विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कैंपस में बढ़ती ग्रीनरी, हरित उद्यान, और सौर ऊर्जा जैसी परियोजनाएं विश्वविद्यालय को एक पर्यावरण अनुकूल संस्थान के रूप में स्थापित कर रही इन प्रयासों से न केवल छात्रों को बेहतर माहौल मिला है, बल्कि कैंपस का वातावरण भी बेहतर हुआ है और छात्रों के संख्या में अभूतपर्व बढ़ोत्तरी हुई है।