सहारा न्यूज टुडे/दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा ग्राम पांडेय निवादा में फसल अवशेष प्रबंधन पर ग्राम स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने कृषकों को बताया कि किसान भाई पराली को खेतों में मिलाएं तथा खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं एवं अपनी पराली में बिल्कुल भी आग न लगाएं।
जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है एवं आवश्यक पोषक तत्वों का नुकसान होता है। इस अवसर पर केन्द्र के प्रभारी डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने बताया कि फसल अवशेष हमारे खेतों के लिए भोजन का काम करते हैं। जो खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ उस में उत्पादित उपज की गुणवत्ता को भी बढ़ाते हैं। इसी क्रम में वरिष्ठ गृह वैज्ञानिक डॉक्टर मिथिलेश वर्मा द्वारा बताया गया कि फसल अवशेष प्रबंधन की कई मशीनें हैं जो पराली को आसानी से खेत में मिला सकते हैं तथा वेस्ट डी कंपोजर द्वारा फसल कम समय में पराली को सड़ा कर आगामी फसल बोई जा सकती है। यह मशीनें हैप्पी सीडर,सुपर सीडर एवं मल्चर आदि है। कार्यक्रम में डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए प्रेरित किया। जबकि डॉक्टर राजेश राय ने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कृषक हितैषी योजनाओं की जानकारी दी।इस कार्यक्रम में गांव के किसानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं खेती किसानी, पशुपालन तथा बागवानी से संबंधित अपनी शंकाओं का समाधान भी किया। कार्यक्रम के अंत में गांव में एक फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता रैली भी निकाली गई । जिसमें किसानों ने शपथ ली कि फसल अवशेषों को आग नहीं लगाएंगे। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषक रामआसरे राजपूत,छुन्ना, राम शंकर, सियाराम एवं मुन्नीलाल सहित एक सैकड़ा किसान उपस्थित रहे।