सहारा न्यूज टुडे/दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक जी की प्रेरणा से समाज कार्य विभाग में एस.एस. फाउंडेशन और समाज कार्य विभाग के संयुक्त प्रयासों से खुशियों का पोस्ट बॉक्स विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई इस परिचर्चा में मुख्य अतिथि कानपुर नगर के एमओ डॉक्टर सपन गुप्ता ने प्रतिभाग किया उन्होंने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में बताया की समाज सेवा से जो सुख प्राप्त होता है वह हमारी इच्छा शक्ति को और प्रभावी बनाता है हम सभी का यह परमदायित्व है कि हमें दूसरों से प्रेम करना है और उनके सुख-दुख में भागीदार बनना है तभी हम सर्व समाज की स्थापना कर सकते हैं और निश्चित ही राम राज्य की अवधारणा को साकार कर पाएंगे।
कार्यक्रम में समाज विज्ञान संस्थान के अधिष्ठाता प्रोफेसर संदीप सिंह जी ने समाज कार्य और समाज सेवा के विषय में लोगों में भ्रांतियों को स्पष्ट किया और बताया कि समाज कार्य एक ऐसी सहायता है जो लोगों को स्वयं सहायता करने के लिए प्रेरित करता है,उन्होंने दूसरे की खुशियों में अपनी खुशी ढूंढने की बात को स्वीकार करते हुए समाज कार्य के वास्तविक स्वरूप से परिचित कराया और इसमें अनेक संभावनाओं के विषय में बताया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिवार के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी जी ने जनमानस की खुशियों को वास्तविक खुशी बताते हुए व्यक्ति के जीवन में भूमि के उपयोग और हमारे दायित्व के निर्वहन के लिए प्रेरित किया साथ ही उन्होंने समाज में सभी को समान अवसर प्राप्त हो और लोग एक दूसरे के साथ सहयोगात्मक रणनीति विकसित करते हुए आगे बढ़े।
संस्थान के निदेशक डॉक्टर प्रशांत जी ने मानव जीवन पर वेदों के प्रभाव को स्वीकार करते हुए सहायता की परंपरा को धार्मिक ग्रंथो से जोड़ते हुए बताया कि भारत वर्ष में प्राचीन समय से लोगों में खुशी बांटने जैसे अनेक कार्य हुए हैं, जिन लोगों ने ऐसे सकारात्मक कार्य किए हैं वह निश्चित ही हमारी भारतीय परंपरा को आगे बढ़ाने में योगदान देते रहे हैं।
एस.एस.फाउंडेशन की संस्थापक डॉक्टर सुभाषिनी खन्ना जी ने अपने वक्तव्य में बताया कि हमें प्लास्टिक से बनी हुई वस्तुओं के उपयोग को नहीं करना चाहिए साथ ही उन्होंने पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए हम सब के प्रयासों को गति देने के लिए खुशी के पोस्ट बॉक्स कार्यक्रम का शुभारंभ किया है, उन्होंने बताया इन पोस्ट बॉक्स में आप अपनी खुशी से पुराने कपड़े,जूते,किताबें,तथा खिलौने इत्यादि को दान दे सकते हैं जिससे अन्य जरूरतमंद लोगों को आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जा सके,और उनके चेहरे पर एक खुशी का भाव लाया जा सके, क्योंकि मानव होने के नाते हम सभी का यह परम दायित्व है कि हम समाज के सुविधा वंचित लोगों के चेहरों पर खुशी लाने का काम कर सके।
आज की परिचर्चा के संयोजक डॉक्टर एस.पी.वर्मा जी ने भारतीय समाज में समाज कार्य एवं समाज सेवा की उपयोगिता को स्वीकार करते हुए समाज कार्य के व्यावसायिक स्वरूप का वर्णन किया उन्होंने समाज कार्य के विभिन्न आयामों और प्रणालियों पर चर्चा की, साथ ही सभी गणमान्य अतिथियों, मीडिया बंधुओं एवं छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित किया, इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉक्टर किरन झा, डॉक्टर अनीता अवस्थी, डॉक्टर ए.पी.सिंह, डॉक्टर उर्वशी, डॉक्टर पूजा सिंह, डॉक्टर शरद दीक्षित, डॉक्टर प्रियंका शुक्ला, डॉक्टर अभिषेक मिश्रा, श्री अहमद, डॉक्टर स्नेह पांडेय, डॉक्टर पुष्पा मेमोरिया आदि उपस्थित रहे तथा 114 छात्र /छात्राओं ने परिचर्चा में प्रतिभाग किया।