सहारा न्यूज टुडे
डीएम की संवेदनशील पहल, मां-बेटे में कराया सुलह, बेटे को दी हिदायत
कानपुर नगर। जनता दर्शन का सोमवार का दृश्य उपस्थित हर शख्स को भावुक कर गया। भीड़ के बीच 62 वर्षीय वृद्धा ऊषा शर्मा, निवासी जनता नगर, बर्रा, कांपते कदमों और भर्राई आवाज़ के साथ जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के सामने पहुँचीं।झुर्रियों से भरे चेहरे और भीगी पलकों में पीड़ा साफ झलक रही थी। वृद्धा ने जिलाधिकारी को सौंपे पत्र में लिखा कि 25 अक्तूबर की रात उनके बेटे और बहू ने कथित तौर पर मारपीट कर घर से निकाल दिया। उनकी पेंशन की रकम, मोबाइल और आधार भी छीन लिया गया। घर छिनते ही उनका सहारा भी छिन गया और वे दर-दर भटकने लगीं।जिलाधिकारी ने उन्हें अपने पास बैठाया और धैर्यपूर्वक करीब दो घंटे तक उनकी व्यथा सुनी। इस दौरान कार्यालय का माहौल गंभीर हो चला। डीएम ने तुरंत बेटे को बुलवाया। आमने-सामने बातचीत हुई, ग़ुस्से और शिकायतों के बीच जब डीएम ने सधी हुई भाषा में समझाइश दी, तो धीरे-धीरे रिश्तों की जमी बर्फ पिघलने लगी। सुलह अधिकारी डॉ0 धीरेंद्र दोहरे को भी जिम्मेदारी सौंपी गई कि परिवार को फिर से जोड़ने में सहयोग करें। कुछ ही देर बाद मां-बेटा साथ घर लौटे। दफ्तर के गलियारे उस पल के गवाह बने, जब बेटे ने मां का हाथ थामा और मां की आँखों में उम्मीद की चमक लौट आई। अगले दिन यानी मंगलवार को जिलाधिकारी ने स्वयं ऊषा शर्मा को फोन कर हालचाल लिया। वृद्धा ने संतोष के साथ कहा कि अब वह बेटे के साथ घर पर हैं। जिलाधिकारी ने बेटे को कड़ी हिदायत दी कि वह मां का सम्मान करे और आगे कभी दुर्व्यवहार न हो।



