सहारा न्यूज टुडे दुर्गेश कुमार तिवारी
“हम कौन थे, क्या हो गए हैं… और क्या होंगे अभी”—कविताओं की गूंज में याद आए युग कवि
कानपुर, 12 दिसम्बर। राष्ट्रकवि स्व. मैथिलीशरण गुप्त की 61वीं पुण्यतिथि के अवसर पर कानपुर जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित चित्रपट अनावरण एवं पुष्पांजलि कार्यक्रम में शहर के साहित्यप्रेमियों, राजनेताओं और पत्रकारों ने देश के इस युग प्रवर्तक कवि को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में महापौर प्रमिला पाण्डेय, विधायक नीलिमा कटियार, विधायक सुरेंद्र मैथानी सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
“हिन्दी साहित्य की सूर्य-सी ज्योति हैं गुप्त जी” — महापौर
मुख्य अतिथि महापौर प्रमिला पाण्डेय ने जर्नलिस्ट क्लब के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि गुप्त जी की कविताएँ आज भी राष्ट्रीय चेतना को जगाती हैं।
उन्होंने उद्धृत किया— “भारत-भारती की जय बोलो, जागो नवयुग के प्रहरी!” महापौर ने घोषणा की कि जर्नलिस्ट क्लब से जुड़े पत्रकार पार्क का जीर्णोद्धार करवाया जाएगा, जिसे उपस्थित सभी लोगों ने सराहा।
“युवाओं को गुप्त जी का साहित्य पढ़ना ही चाहिए”— विधायक मैथानी
विधायक सुरेंद्र मैथानी ने मैथिलीशरण गुप्त को युग पुरुष बताते हुए कहा कि उनकी कविता ‘हम कौन थे, क्या हो गए हैं’ आज भी आत्ममंथन कराती है। उन्होंने कहा— “हम कौन थे, क्या हो गए हैं और क्या होंगे अभी—
आएँ विचारें आज मिलकर ये समस्याएँ सभी।” मैथानी ने कहा कि जर्नलिस्ट क्लब का यह आयोजन युवा पीढ़ी को साहित्य और संस्कारों से जोड़ेगा।
नीलिमा कटियार ने सुनाई ‘अभिलाषा’, तालियों से गूंज उठा सभागार विधायक नीलिमा कटियार ने राष्ट्रकवि को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी लोकप्रिय कविता ‘अभिलाषा’ का पाठ किया।
सभागार तब लंबे समय तक तालियों से गूंज उठा जब उन्होंने कहा “चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ…” उनका पाठ कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण बना।
साहित्य का डिजिटल भंडार तैयार किया जाएगा— पप्पू कुरेले
दद्दा जी अनुयायी समिति के मुख्य संरक्षक पप्पू कुरेले ने घोषणा की कि गुप्त जी के समग्र साहित्य को संकलित कर जर्नलिस्ट क्लब की लाइब्रेरी में उपलब्ध कराया जाएगा।
साथ ही साहित्यिक पुस्तकों के डिजिटलाइजेशन की योजना भी सार्वजनिक की।
“गुप्त जी राष्ट्रीय आत्मा के कवि थे”— वरिष्ठ पत्रकार अंजनी निगम
वरिष्ठ पत्रकार अंजनी निगम ने कहा कि गुप्त जी की रचनाएँ सिर्फ कविता नहीं, बल्कि देश की आत्मा हैं। उन्होंने कहा— “जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं । वह हृदय नहीं है पत्थर है।” अंजनी निगम ने कहा कि साहित्य और राष्ट्रवाद के समन्वय के कारण गुप्त जी आज भी प्रासंगिक हैं।
“हिन्दी साहित्य के प्रचार में जर्नलिस्ट क्लब अग्रणी रहेगा”— महामंत्री अभय त्रिपाठी
कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी ने कहा कि क्लब हिन्दी साहित्य और पत्रकारिता के स्वर्णिम मूल्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम करता रहेगा। उन्होंने पत्रकार भवन के स्वर्णिम इतिहास को भी जनसमक्ष रखा और बताया कि जर्नलिस्ट क्लब सदैव साहित्य, पत्रकारिता और सामाजिक चेतना के लिए कार्य करता रहा है। कार्यक्रम का संचालन आलोक अग्रवाल ने किया।
इन गणमान्य लोगों की रही उपस्थिति भाजपा नेता संजीव पाठक, वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश चन्द्र त्रिपाठी, समिति अध्यक्ष यू.एस. गुप्ता, विजय गुप्ता, आर.के. सफ्फर, पत्रकार कुमार त्रिपाठी, कैलाश अग्रवाल, श्याम तिवारी, गजेन्द्र सिंह, सर्वेश पाण्डेय निन्नी, किरण पाण्डेय, विशाल सैनी, पंकज अवस्थी, विवेक शुक्ला सहित अनेक गणमान्य लोग कार्यक्रम में उपस्थित रहे।



