सहारा न्यूज टुडे/दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। शातिर अपरधी राशिद कालिया का कानपुर नगर समेत आसपास के जिलों में काफी आतंक रहा है। उसके उपर भाड़े की हत्या करना आम बात थी। राशिद कालिया पर कानपुर नगर समेत अन्य जिलों में कई मुकदमें दर्ज थे। उसने चकेरी थानाक्षेत्र के पिंटू सेंगर की 20 जून 2020 को गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद से राशिद कालिया अपराध की दुनिया में छा गया। पिंटू की हत्या करने के बाद राशिद ने कानपुर नगर छोड़कर वह अपने अपने अपराधी साथियों के साथ यहाँ से चला गया । सूत्रों की माने तो कुछ माह शांत रहने के बाद राशिद कालिया में कानपुर में हत्या की सुपारी भी ले ली थी । इस बात की जानकारी पुलिस को लगी। तो पुलिस के आलाधिकारियों के होश उड़ गए और कालिया की तलाश तेज कर दी। लेकिन कानपुर पुलिस समेत जिले की कई टीमें कालिया का पता लगाने में लग गई, लेकिन उसका पता न चला।
इधर, पुलिस ने कालिया के अन्य साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। राशिद कालिया का पता न चलने पर तत्कालीन डीआईजी व कमश्निर ने उसके उपर घोषित इनाम बढ़ाकर सवा एक लाख कर दिया। इसके बाद पुलिस बहुत तेजी से कालिया की तलाश प्रारंभ कर दी लेकिन वो किसी के हाथ नही आया।
राशिद कालिया ने तीन साल काटी फरारी
पुलिस सूत्रों की मानें तो राशिद कालिया ने पिंटू की हत्या करनें के बाद वह अपने रिश्तेदार के घर बाम्बे चला गया था। वह उसने कुछ माह नौकरी की। फिर राशिद ने कानपुर में अपने साथियों से संर्पक किया, लेकिन पता चला कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बम्बे में करीब राशिद ने 14 माह रहने के बाद वह उरई में अपने मित्र के घर आ गया। वहां से वह झांसी निकल गया और तब से वह वहीं रह रहा था।
कालिया की लोकेंशन 2022 में पुलिस को कानपुर में मिली
पुलिस सूत्रों की मानें तो 2022 में राशिद कालिया की लोकेंशन कानपुर में मिली। पुलिस व अन्य टीमों ने कालिया की तलाश में कानपुर नगर समेत अन्य जिलों में दबिश दी, लेकिन कालिया हाथ नहीं लगा। कालिया ने कानपुर नगर के दो कारोबारियों की हत्या की सुपारी ले ली। जिससे आलाधिकारियों में खलबली मच गई।
एसटीएफ के हाथ लगी सफलता
एसटीएफ के अधिकारी लगातार राशिद कालिया की तलाश में लगे हुए थे। एसटीएफ की टीम ने राशिद को पकड़ने के लिए कानपुर नगर, देहात, उरई और झांसी में दबिश दी। कभी राशिद की लोकेंशन कानपुर नगर में मिले तो कभी उरई में। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर एसटीएफ के डिप्टी एसपी संजीव दीक्षित के नेतृत्व में टीम का गठन राशिद को पकड़ने के लिए की गयी। सूत्रों की मानें तो राशिद कालिया को पकड़ने के लिए एसटीएफ के इंस्पेक्टर घनश्याम यादव की बहुत अहम भूमिका रही। इंस्पेक्टर घनश्याम यादव और उनकी टीम ने कई माह कानपुर नगर, देहात, उरई और झांसी में राशिद कालिया तलाश में लिए डेरा डाला।
सबकी चिंताएं बढ़ाने लगा था राशिद कालिया
पिंटू सेंगर की हत्या करने के बाद राशिद कालिया पुलिस समेत कई टीमों के लिए चुनौती बन गया था। वहीं अधिकारियों के लिए कालिया सिरदर्द बना गया था। पुलिस आधिकारियों ने कालिया का इनाम बढ़ाकर सवा लाख कर दिया लेकिन इनाम बढ़ने के बाद भी काफी मसक्कत के बाद भी कालिया पुलिस के हाथ नही आया।
एसटीएफ के हाथ लगा राशिद कालिया
एनकाउंटर में मारे गए शातिर अपराधी राशिद कालिया पर एक लाख का इनाम घोषित था। एसटीएफ की टीम को कालिया की लोकेंशन झांसी में मिली। डिप्टी एसपी संजीव दीक्षित और इंस्पेक्टर घनश्याम यादव समेत पूरी टीम ने की तरफ अपना रुख किया। एसटीएफ की टीम लगातार राशिद कालिया की तलाश कर रही थी। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक 18 नंवबंर 2023 की सुबह सूचना मिली कि राशिद कालिया मऊरानीपुर में किसी की हत्या करने आ रहा है। डिप्टी एसपी संजीव दीक्षित, इंस्पेक्टर घनश्याम यादव और मऊरानीपुर कोतवाली प्रभारी जेपी पाल की टीमों ने मुख्य रास्तों की घेराबंदी कर दी। सुबह लगभग सात बजे झांसी-खजुराहो राजमार्ग स्थित सितौरा मोड़ पर एमपी सीमा से कच्चे रास्ते पर राशिद बाइक से आता दिखा। रुकने का इशारा करते ही उसने फायरिंग शुरू कर दी। गोलियां संजीव और घनश्याम की बुलेटप्रूट जैकेटों पर लगीं। एसटीएफ ने क्रॉस फायरिंग की, जिसमें कालिया जख्मी हो गया। उसके सीने पर दो गोलियां लगीं। सीएचसी मऊरानीपुर लाया गया, जहां हालत नाजुक होने पर मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर किया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
दो असलहे किए गए बरामद: राशिद कालिया के पास से बिना नंबर की बाइक, अवैध पिस्टल, तमंचा, कारतूस बरामद किए गए हैं।
डिप्टी एसपी संजीव दीक्षित व इंस्पेक्टर घनश्याम यादव का कानपुर जिले से बहुत पुराना सम्बन्ध रहा है। डिप्टी एसपी संजीव दीक्षित कानपुर नगर के नजीराबाद, कर्नलगंज और कल्यानपुर सार्किलों के साथ लगभग दो साल तक सीओ क्राइम के पद पर रहकर आपराधियों के लिए चुनौती बनें। वहीं इंस्पेक्टर घनश्याम यादव ने कानपुर नगर के बिधनू, रेलबाजार, हरवंशमोहाल एवं क्राइमब्रांच समेत कई थानों में रहकर आपराधियों की नकेल कशी। कानपुर से दोनों का यह पुराना नाता कालिया तक पहुचाने में काफी मददगार साबित हुई ।