सहारा न्यूज टुडे/संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। जिला निर्वाचन अधिकारी /जिलाधिकारी श्री राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में लोकसभा सामान्य निर्वाचत-2024 के दृष्टिगत रखते हुए जनपद के प्रिन्टिंग प्रेस स्वामियों के साथ आज बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी / जिलाधिकारी द्वारा आयोग के निर्देशों से जनपद के समस्त प्रिन्टिंग प्रेस स्वामियों को विस्तार से अवगत कराया।
निर्वाचन पम्पलेट, मुद्रण एवं प्रकाशन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियत 1951 की धारा 127क के उपबंधों द्वारा विनियमित किया जाता है। 127क पम्पलेट, पोस्टर आदि के मुद्रण पर प्रतिबंध है।
कोई व्यक्ति कोई ऐसे निर्वाचन पम्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण एवं प्रकाशन नहीं करेगा, अथवा मुदित और प्रकाशित नहीं करेगा। जिस के मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं इसके प्रकाशक का नाम व पता न लिखा हो।
कोई व्यक्ति किसी निर्वाचन पम्पलेट अथवा पोस्टर की मुद्रण नहीं करेगा या मुद्रित नहीं करवाएगा जब तक कि प्रकाशन के पहचान की घोषण उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा 02 व्यक्ति जो उन्हे व्यक्तिगत रूप से जानते हो द्वारा सत्यापित न हो। तथा जिसे उनके द्वारा डुप्लीकेट में मुद्रक को ना दिया जाए तथा जब तक की दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात उचित समय पर मुद्रक द्वारा दस्तावेज की एक प्रति के साथ घोषणा की एक प्रति न भेजी जाए।
पम्पलेट या पोस्टर राज्य की राजधानी में मुद्रित हुआ है तो मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तथा यदि जनपद में मुदित हुआ है तो जिले के जिला मजिस्ट्रेट को सूचित किया जाएगा।
हाथ से लिखी गयी प्रतियों के अलावा दस्तावे के प्रतियों की संख्या बढ़ाने की प्रकिया को मुद्रण समझा जायेगा।
कोई व्यक्ति जो उपधारा-1 अथवा उपधारा-2 के किसी भी उपबंध में उल्लंघन कराता है वह 06 महीने तक कारावास या जुर्माना जिसे 2000 हजार रू० तक बढ़ाया जा सकता है अथवा दोनों से दण्डनीय होगा।
निर्वाचन पम्पलेट, पोस्टर इत्यादि के मुद्रण पर उक्त प्रतिबंध इन दस्तावेजों के प्रकाशको एवं मुद्रको की पहचान करने के उद्देश्य से विधि द्वारा अधिरोपित किए गए है ताकि यदि धर्म, वंश, जाति, समुदाय, भाषा या जिसमें कोई ऐसे अवैध विरोधी के चरित्र हनन इत्यादि के आधार पर अपील जैसे किसी ऐस दस्तावेज आपराधिक या अपत्ति जनक हो तो सम्बन्धित व्यक्ति. से विरूद्ध आवश्यक दण्डात्मक या निरोधात्मक कार्यवाही की जा सकती है। यह प्रतिबंध राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों, उनके समर्थकों द्वारा निर्वाचन पम्पलेटों, पोस्टरो इत्यादि के मुद्रण एवं प्रकाशन पर हुए अनधिकृत्त निर्वाचन व्ययों पर रोक लगाने में भी सहायक होते है।
आयोग के यह भी सूचित किया है कि निर्वाचन पम्पलेटों पोस्टरों इत्यादि के मुद्रण एवं प्रकाशन से जुड़े कानून के उपबंधों का अनुपालन करने की बजाए उनको भंग करने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। इसलिए आयोग के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।