सहारा न्यूज टुडे/दुर्गेश कुमार तिवारी
कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कुलाधिपति/राज्यपाल का जताया आभार
कुलपति के रूप में 3 साल का शानदार सफर रहा
नैक ए प्लस प्लस ग्रेड के साथ यूजीसी कैटेगरी 1 भी मिला
सीएसजेएमयू में पिछले तीन सालों में सकारात्मक परिवर्तन हुआ
इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ साथ पठन- पाठन, शिक्षण, प्रशिक्षण, इनोवेशन के क्षेत्र नई पहल
रोजगार परक शिक्षा के साथ रोजगार मेलों का आयोजन
छात्र केंद्रित सुविधाओं को लागू किया गया
कानपुर। प्रदेश की राज्यपाल/ कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक को 6 माह का सेवा विस्तार दिया है। कुलपति प्रोफेसर पाठक का कार्यकाल 11 अप्रेल 2024 को खत्म हो रहा था। कुलपति ने सेवा विस्तार मिलने पर कुलाधिपति का आभार जताते हुए कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में कार्य करने का अनुभव बेहद खास है। देश-दुनिया के नामधारी इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। ऐसे विश्वविद्यालय के लिए सभी के साथ कार्य करना अपने आप में एक सुखद अनुभव है। विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक,कर्मचारी, हमारे पूर्व छात्र एवं समाज के सहयोग से विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
बड़ी उपलब्धि मिलीं विश्वविद्यालय को
नैक ए प्लस प्लस ग्रेडिंग ने विश्वविद्यालय को देश-दुनिया में अलग पहचान दिलाई। आज विश्वविद्यालय देश के टॉप संस्थानों में शामिल है। हमारे यहां पिछले तीन सालों में तीन गुना अधिक छात्रों ने प्रवेश लिया है। हमने शोध के लिए एक बेहतर माहौल तैयार किया है। ग्लोबल डेटाबेस में हमारे रिसर्चस अपने रिसर्च के साथ पहचान बना रहे हैं। शोधगंगा में हम देश भर में टॉप- 5 में हैं। डिजीलॉकर में पूरे देश में नंबर वन हैं। इनोवेशन एवं इन्क्यूबेशन की बात हो या नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की एक बड़ा बदलाव विश्वविद्यालय में देखा जा सकता है।
यूजीसी कैटेगरी – 1 का सम्मान मिला विश्वविद्यालय को-
विश्वविद्यालय ने हाल ही में यूजीसी कैटेगरी- 1 श्रेणी विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल किया है। एडुवर्ल्ड रैंकिंग के साथ दुनिया भर में विश्वविद्यालय का नाम है। नैशनल एवं इंटरनैशनल एमओयू के साथ अकादमिक डिवलेपमेंट। अब क्यूएस एवं एनआईआरएफ के साथ- साथ विश्वविद्यालय को ग्लोबल कैंपस के तौर पर आगे बढ़ना है।
विश्वविद्यालय में काफी बदलाव हुए हैं
सभी भवनों का जीर्णोद्घार किया गया है। नई-नई लैब विकसित की गयी हैं। रिसर्च में सुपरवाइजर्स की संख्या बढ़ी हैं। कैंपस के शिक्षकों को भी अब रिसर्च कराने की आजादी है। सेल्फ फाइनेंस के शिक्षकों के वेतनमान में बढ़ोत्तरी, नए शिक्षकों एवं नॉन टीचिंग की भर्ती से लेकर ग्रीन कैंपस, क्लीन कैंपस के साथ विश्वविद्यालय में हर कदम पर बदलाव है। हमनें 130 से अधिक पोर्टल के माध्यम से गुड गवर्नेंस का सिस्टम डिवेलप किया। ई-ऑफिस के साथ पेपरलेस कल्चर की शुरुआत की। एनईपी सबसे पहले प्रदेश् में लागू की। भारतीय ज्ञान परंपरा को हर विषय के साथ जोड़ा है। ज्योतिष, कर्मकांड के परंपरागत पाठ्यक्रमों के साथ-साथ नवीनतम तकनीक को भी विश्वविद्यालय ने अपनाया है। ई-लाइब्रेरी, बायोमैट्रिक, ऑनलाइन लेक्चर का डेटाबेस, डिस्टेंस एवं ऑनलाइन टीचिंग की शुरुआत, टीवी स्टूडियो के साथ-साथ विश्वविद्यालय में बड़ा बदलाव आया है।
पिछले तीन सालों में सामाजिक सरोकार—दायित्व पूरे किए हैं विश्वविद्यालय ने
विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी जिलों में नि:शुल्क स्वास्थय शिविर, कैंसर स्क्रीनिंग, आंखों की जांच के साथ, स्वास्थ्य परीक्षण की सहूलियत सभी तक पहुंचाने का भरसक एवं निरंतर प्रयास। आंगनबाड़ी के माध्यम से सामाजिक सरोकार का कार्य। शहीद परिवारो के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धि के आधार पर फ्री रहना, खाना एवं पढ़ना, एनसीसी की शुरुआत एनएसएस के माध्यम से छात्रों को सामाजिक कार्यों से जोड़ना। गांव देहात की गरीब बस्तियों में कपड़ों का वितरण, एक मुट्ठी अनाज योजना हो या स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के मान सम्मान में विश्वविद्यालय ने बड़ी भूमिका निभाई है।
स्टूडेंट्स केंद्रित व्यवस्थाओं की परंपरा की शुरुआत
विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध करायी । सिलेबस, कोर्स, लाइब्रेरी, हाई स्पीड इंटरनेट, इन्फ्राक्सट्रक्चर, रिसर्च के ग्लोबल डेटाबेस में एंट्री के साथ-साथ,स्टूडेंट के लिए अकादमिक, एवं उनके होलिस्टिक डिवलेपमेंट के लिए सभी प्रयास।