सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
तीन बहनों के बीच अकेला भाई था हैपी पिता की आर्थिक मदद करने में हो गया था कर्जदार
कानपुर देहात। अकबरपुर शहर के अशोक नगर इलाके में आर्थिक तंगी का शिकार युवक फांसी पर झूल गया। उसका शव घर के कमरे में लकड़ी की धन्नी के सहारे लटका मिला। मृतक तीन बहनों में अकेला भाई था। करीब दस वर्ष पहले उसकी मां का देहांत हुआ था। शुक्रवार की सुबह उसकी मौत के बाद घर में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और फिर उसे पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया। मूसानगर के यमुना घाट पर युवक का अंतिम संस्कार किया गया।जानकारी के अनुसार अशोक नगर निवासी प्रेम शंकर गोयल का बेटा मनीष उर्फ हैपी 25 वर्ष अविवाहित था। पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है वह पिता का हाथ बंटाने के लिए अलग-अलग जगहों पर जाकर नुमाइशों और मेलों में कास्मेटिक की दुकान लगाकर पिता की आर्थिक मदद करता था। हालांकि व्यापार में घाटे के कारण स्थिति में सुधार नहीं आ सका। इस कारण कई जगहों से उसने कर्ज लेकर व्यापार में लगाया था। इन दिनों पुखरायां में लगी नुमाइश में उसने दुकान लगा रखी थी। दिन में वहां काम निपटा कर शाम को वह घर आया। सामान्य रूप से भीतर वाले कमरे में सोने को चला गया जब कि आगे के छोटे कमरे में पिता प्रेमशंकर लेटे थे। सुबह करीब चार बजे प्रेम शंकर जागे और शौच के लिए जाने लगे तो हैपी से दरवाजा बंद कर लेने को कहा। दो-तीन बार आवाज देने के बाद भी जवाब नहीं आया तो वह भीतर चले गए। वहां कमरे का नजारा देख उनका कलेजा मुंह को आ गया। तीन बहनों का इकलौता भाई हैपी गमछे के सहारे छत की धन्नी से फांसी पर लटक रहा था। प्रेम शंकर की चीख निकल गई।वह पास में रहने वाले पारिवारिक लोगों दीपक गोयल आशीष भगवती प्रसाद आनंद कुमार के पास भागे।उन्हें घटना के बारे में जानकारी दी।पुलिस डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने पूछतांछ के बाद शव को नीचे उतरवाया और जामा तलाशी ली। इस दौरान हैपी के पास से पुलिस को फफूंद से रूरा का रेलवे टिकट और जेब से दो रूपए का सिक्का मिला।जरूरी लिखापढ़ी और पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रेम शंकर के घर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। ससुराल से हैपी की बहनें भी पहुंच गई। एक मात्र भाई के इस तरह बिछड़ जाने के बाद बहनों का रो-रों कर बुरा हाल था।