सहारा न्यूज टुडे संम्पादक दुर्गेश कुमार तिवारी
कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय मे कला, मानविकी एवं समाज विज्ञान संस्थान में भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर जी के 134 वें जन्म दिवस पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय “अंबेडकर और सामाजिक न्याय” रहा।
कार्यक्रम के आरंभ में स्कूल की निदेशिका डॉ0 किरण झा जी ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया साथ ही उन्होंने अंबेडकर जी के जीवन पर संक्षिप्त व्याख्यान देते हुए उनके द्वारा किए गए सुधारो पर चर्चा की। तत्पश्चात मुख्य वक्ता श्री संजय सिंह जाटव अधिवक्ता उच्च न्यायालय ने अंबेडकर जी के विचारों को बताते हुए बताया कि जब-जब धर्म का नाश होता है तब तब कोई महान आत्मा समाज सुधारो के लिए इस पृथ्वी पर जन्म लेती है अंबेडकर जी ने महिला सुरक्षा सामाजिक न्याय महिला अधिकार मानव अधिकार और शोषण इत्यादि के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी उनका मानना था की वर्तमान समय में जाति व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए। इसी क्रम में डॉक्टर कोमल चौहान जी जोकि लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से शोध कर रही हैं उन्होंने छुआछूत शोषण सामाजिक न्याय जाति व्यवस्था को समाप्त करने सामाजिक व्यवस्था बनाए रखना सामाजिक असमानता आर्थिक असमानता विभेदीकरण मानव अधिकार और समान अधिकारों के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के द्वारा किए गए कार्यों पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
अधिष्ठाता समाज विज्ञान संकाय प्रोफेसर संदीप कुमार सिंह ने भीमराव अंबेडकर जी से जुड़े हुए अनेक वृतांत बताएं और उन्हें समाज कार्य के एडवोकेसी से जोड़ते हुए बताया की ‘काम ऐसा करो पहचान बन जाए नाम ऐसा करो कि मिसाल बन जाए।’
डॉक्टर सिंह ने बताया की अंबेडकर जी के अंतिम समय में उनके पास 35000 पुस्तक थी इससे यह प्रतीत होता है की भारत रत्न अंबेडकर जी पुस्तक प्रेमी थे उन्होंने भारत को पुरानी मानसिकता की गुलामी से दूर रहने की वकालत की थी उन्होंने महिलाओं की आजादी को प्रमुखता से उठाया साथ ही वह गौतम बुद्ध जी से बहुत प्रभावित थे।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर शिल्पी कुकरेजा जी ने किया संचालन विभाग की छात्रा जान्हवी ने किया इस अवसर पर डॉ0 अजय सिंह डॉक्टर पूजा डॉक्टर उर्वशी डॉक्टर शरद डॉ0 प्रशांत डॉ0 अंशू डॉक्टर पवन गुप्ता डॉ0 अनीता अवस्थी श्री सत्येंद्र श्री अहमद तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।